Vikrant Shekhawat : Nov 28, 2020, 10:56 AM
Coronavirus: कोरोना वायरस को लेकर चीन पर उंगली उठने का सिलसिला जारी है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन के शीर्ष आपातकालीन विशेषज्ञ माइक रेयान ने भी कुछ सवाल उठाए हैं। माइक रेयान कहा कि यह कहना हमारे लिए बहुत मुश्किल है कि कोरोनो वायरस चीन से नहीं फैला। जबकि कोविड19 का पहला मामला चीन से ही निकला था।माइक रेयान जेनेवा में वर्चुअल ब्रीफिंग में अपनी बात रख रहे थे, तब उनसे कोरोनावायरस को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कोविड 19 को लेकर अपनी बात रखी। गौरतलब है कि कोरोना वायरस का पहला मामला चीन से आया था, जो एक मछली बाजार से सामने आया था।बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर चीन पर लगातार सवाल उठते हैं। पहला मामला यही सामने आया था और फिर वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। बाद में चीन ने तो इस पर काबू पा लिया लेकिन अमेरिका, भारत सहित दुनिया के तमाम बड़े-छोटे देश कोरोना की मार झेलते रहे। इस लेकर अमेरिका ने चीन के खिलाफ बेहद आक्रामक रुक भी अपनाया। अमेरिकी राष्ट्र्पति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ से देश को अलग भी कर लिया। चीन ने डब्ल्यूएचओ की जांच के पहले वुहान को कोरोना वायरस का केंद्र बताए जाने पर उठाए सवालकोरोना वायरस की शुरुआत कहां से हुई, इस संबंध में डब्ल्यूएचओ की जांच के पहले चीन ने शुक्रवार को दावा किया कि वुहान में कोविड-19 का पहला मामला आने का यह मतलब नहीं है कि संक्रमण की शुरुआत चीन के इसी शहर से हुई थी।हाल में चीन सरकार के नियंत्रण वाले कई मीडिया संस्थानों ने ऐसी खबरें प्रसारित की है जिसमें कहा गया कि विदेश से आयातित खाद्य सामग्री के पैकेट पर कोरोना वायरस मिले। चीन ने दावा किया था कि भारत से आए समुद्री मछली के पैकेट पर भी कोरोना वायरस मिले। आरोप लगाया गया कि विदेश से आए इन्हीं पैकेटों के जरिए शायद वायरस चीन आया होगा।क्या यह चीन का आधिकारिक रूख है, इस बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन में संक्रमण का पहला मामला आया लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन से हुई। उन्होंने कहा, इसलिए हमारा मानना है कि वायरस की शुरुआत कहां से हुई, यह एक जटिल वैज्ञानिक मुद्दा है जिसके लिए दुनिया भर की वैज्ञानिक बिरादरी को सहयोग करना चाहिए। ऐसा करके ही हम भविष्य में जोखिमों को कम कर सकते हैं क्योंकि संक्रमण के आरंभ का पता लगाने का काम जटिल प्रक्रिया है और इसमें कई देशों को शामिल होना चाहिए।