Vikrant Shekhawat : Nov 05, 2020, 06:08 PM
Sports Desk भारत में Gambling वैसे तो कई राज्यों में प्रतिबंधित है, लेकिन इन दिनों आनलाइन कसीनो और गेमिंग की इण्डस्ट्री फल—फूल रही है। कई नियमों के आधार पर बड़ी संख्या में युवाओं को भारत के टॉप आनलाइन कसीनो आकर्षित कर रहे हैं। परन्तु आनलाइन गेमिंग के फेमस होने की कुछ और भी वजहें हैं, जिन पर गौर किया जाना चाहिए।कसीनो का नाम सुनते ही लग्जरी व्यवस्थाओं वाली जगह पर नाइट पार्टी सीन और घूमते व्हील आदि आपके जेहन में घूम जाते हैं। कसीनो में जीतने वालों की संख्या कम होती है, लेकिन आनलाइन मिल रहे कुछ फायदों के चलते भी बड़ी संख्या में लोग इस विकल्प की ओर आ रहे हैं।सहज और प्रभावी पहुंचआनलाइन बेटिंग की पहुंच अब मोबाइल तक हो गई है। आसानी से कोई भी अब कहीं भी जाए बिना बेटिंग कर रहा है।सोशल डिस्टेंसिंग
वर्तमान में चल रहे कोविड19 संकट के बीच सोशल डिस्टेंसिंग में आनलाइन कसीनो और बेटिंग के मार्केट को बूम मिला है। आनलाइन उत्पादों की श्रेणी में सर्वाधिक विज्ञापन इसी के देखने को मिलते हैं। लोग अपने मोबाइल से ही आसानी से बेट लगाते हैं और जीत भी रहे हैं।सुरक्षित और प्रभावी माहौलकसीनो का माहौल ऐसा होता है कि जिसमें लाइटिंग और म्युजिक मनोवैज्ञानिक रूप से व्यक्ति को जेब ढीली करने पर मजबूर करती है। वह जब तक कसीनो से निकलता नहीं, तब तक पैसा उसकी जेब में ही रहता है। ऐसे माहौल में वह हारता चला जाता है और अधिकांश बेट लगाने वाले जेब खाली करके ही लौटते हैं। परन्तु आनलाइन में जीता हुआ पैसा विड्रोल करते रहते हैं तो आपके अधिक हारने के चांसेज नहीं रहते। मसलन आपने सौ डालर से खेल शुरू किया। खेलते—खेलते दो हजार डालर जीत लिए तो आप उसमें से अधिकांश रकम अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लीजिए ताकि सारा पैसा एकसाथ लगाने का जोखिम नहीं रहे। अधिकांश बेट लगाने वाले लगातार जीतने पर अपना लक अच्छा मानकर पूरा पैसा एक साथ लगा देते हैं और हार जाते हैं। परन्तु आनलाइन में यह सुरक्षित माहौल आपको पूरा पैसा खत्म होने से बचाता है।शराब पीकर हार पक्कीकसीनों में खेलने के दौरान मुफ़्त में परोसी जा रही शराब कोई सहूलियत नहीं है। यह कसीनो की रणनीति है कि जुआ खेलते हुए लोगों को शराब पिलाना उन्हें मानसिक रूप से कमजोर करना है। शराब के पैग आपके फैसलों और सोचने की शक्ति में बाधा पैदा करते हैं। आनलाइन बेटिंग में यह चांस नहीं रहता।कसीनो का दबदबा
कसीनों के नियम कायदे और दबदबा देखकर बेट करने वाला अक्सर सहमा सा नजर आता है, लेकिन आनलाइन गेमिंग में यह संकट नहीं है। भारतीय के कुछ राज्यों में आफलाइन बेटिंग लीगल है, लेकिन आनलाइन मार्केट खासा बूम पर है। भारतीय गेम्बलिंग कानून में कुछ कानूनन रियायतों के चलते और हालातों की वजह से भी यह आकर्षण का केन्द्र है।गुमराह करते हैं कसीनो
कसीनो के फ्लोर की डिजाइन ऐसी होती है कि बाहर जाने की राह आसान नहीं होती। बड़े कसीनो में आप अक्सर खो जाते हैं, क्योंकि जुआघर चाहता है कि इससे पहले कि आप कुछ सोच पाएँ, आप खाली मशीन पर सीट पाते हैं और जुए में डूबते हुए कुछ रकम दांव पर लगा देते हैं। परन्तु आनलाइन गेमिंग में हालात आपके हाथ में होते हैं।कसीनो में घड़ियां नहीं होती
गेम खेलते हुए आप खोए रहें, इसीलिए कसीनो में आपको कोई कोई घड़ी नहीं नज़र आएगी। यह एक चाल है कसीनो वाले नहीं नहीं चाहते कि आप कहें- मुझे देर हो रही है - बहुत हुआ, चलें. जितनी देर आप खेलेंगे, उतनी ही संभावना है कि आप पैसा गंवाएंगे। लेकिन आनलाइन गेमिंग और बेटिंग में आपका मोबाइल आपकी घड़ी भी है। यहां आपके पास वापसी का रास्ता और समय दोनों ही हाथ में है।रिस्क कम
वेगास जैसे शहरों में चलने वाले कसीनो के लिए फेमस है कि एक दो बाजी जीतने के बाद पैसों सहित सुरक्षित घर जाने का एक ही तरीका है कि चुपचाप निकल जाएं। अगर आप ऐसा नहीं करते तो निश्चित ही आप ब्याज़ समेत सारी रकम वहीं गंवा बैठेंगे। परन्तु आनलाइन बेटिंग में आप की सुरक्षा आपके ही हाथ में प्रभावी तरीके से होती है।
वर्तमान में चल रहे कोविड19 संकट के बीच सोशल डिस्टेंसिंग में आनलाइन कसीनो और बेटिंग के मार्केट को बूम मिला है। आनलाइन उत्पादों की श्रेणी में सर्वाधिक विज्ञापन इसी के देखने को मिलते हैं। लोग अपने मोबाइल से ही आसानी से बेट लगाते हैं और जीत भी रहे हैं।सुरक्षित और प्रभावी माहौलकसीनो का माहौल ऐसा होता है कि जिसमें लाइटिंग और म्युजिक मनोवैज्ञानिक रूप से व्यक्ति को जेब ढीली करने पर मजबूर करती है। वह जब तक कसीनो से निकलता नहीं, तब तक पैसा उसकी जेब में ही रहता है। ऐसे माहौल में वह हारता चला जाता है और अधिकांश बेट लगाने वाले जेब खाली करके ही लौटते हैं। परन्तु आनलाइन में जीता हुआ पैसा विड्रोल करते रहते हैं तो आपके अधिक हारने के चांसेज नहीं रहते। मसलन आपने सौ डालर से खेल शुरू किया। खेलते—खेलते दो हजार डालर जीत लिए तो आप उसमें से अधिकांश रकम अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लीजिए ताकि सारा पैसा एकसाथ लगाने का जोखिम नहीं रहे। अधिकांश बेट लगाने वाले लगातार जीतने पर अपना लक अच्छा मानकर पूरा पैसा एक साथ लगा देते हैं और हार जाते हैं। परन्तु आनलाइन में यह सुरक्षित माहौल आपको पूरा पैसा खत्म होने से बचाता है।शराब पीकर हार पक्कीकसीनों में खेलने के दौरान मुफ़्त में परोसी जा रही शराब कोई सहूलियत नहीं है। यह कसीनो की रणनीति है कि जुआ खेलते हुए लोगों को शराब पिलाना उन्हें मानसिक रूप से कमजोर करना है। शराब के पैग आपके फैसलों और सोचने की शक्ति में बाधा पैदा करते हैं। आनलाइन बेटिंग में यह चांस नहीं रहता।कसीनो का दबदबा
कसीनों के नियम कायदे और दबदबा देखकर बेट करने वाला अक्सर सहमा सा नजर आता है, लेकिन आनलाइन गेमिंग में यह संकट नहीं है। भारतीय के कुछ राज्यों में आफलाइन बेटिंग लीगल है, लेकिन आनलाइन मार्केट खासा बूम पर है। भारतीय गेम्बलिंग कानून में कुछ कानूनन रियायतों के चलते और हालातों की वजह से भी यह आकर्षण का केन्द्र है।गुमराह करते हैं कसीनो
कसीनो के फ्लोर की डिजाइन ऐसी होती है कि बाहर जाने की राह आसान नहीं होती। बड़े कसीनो में आप अक्सर खो जाते हैं, क्योंकि जुआघर चाहता है कि इससे पहले कि आप कुछ सोच पाएँ, आप खाली मशीन पर सीट पाते हैं और जुए में डूबते हुए कुछ रकम दांव पर लगा देते हैं। परन्तु आनलाइन गेमिंग में हालात आपके हाथ में होते हैं।कसीनो में घड़ियां नहीं होती
गेम खेलते हुए आप खोए रहें, इसीलिए कसीनो में आपको कोई कोई घड़ी नहीं नज़र आएगी। यह एक चाल है कसीनो वाले नहीं नहीं चाहते कि आप कहें- मुझे देर हो रही है - बहुत हुआ, चलें. जितनी देर आप खेलेंगे, उतनी ही संभावना है कि आप पैसा गंवाएंगे। लेकिन आनलाइन गेमिंग और बेटिंग में आपका मोबाइल आपकी घड़ी भी है। यहां आपके पास वापसी का रास्ता और समय दोनों ही हाथ में है।रिस्क कम
वेगास जैसे शहरों में चलने वाले कसीनो के लिए फेमस है कि एक दो बाजी जीतने के बाद पैसों सहित सुरक्षित घर जाने का एक ही तरीका है कि चुपचाप निकल जाएं। अगर आप ऐसा नहीं करते तो निश्चित ही आप ब्याज़ समेत सारी रकम वहीं गंवा बैठेंगे। परन्तु आनलाइन बेटिंग में आप की सुरक्षा आपके ही हाथ में प्रभावी तरीके से होती है।