Rahul Gandhi / केंद्र को घेरने वाले राहुल गांधी ने मोदी सरकार की तारीफ क्यों की? 5 पॉइंट्स में समझें

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान मोदी सरकार के खिलाफ कई बयान दिए. नए संसद भवन और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर केंद्र सरकार को घेरा. लेकिन अमेरिकी दौरे में उन्होंने रूस को लेकर मोदी सरकार के रुख की तारीफ की. राहुल गांधी ने कहा, रूस ने यूक्रेन पर हमला किया. पश्चिमी देशों ने रूस का विरोध किया लेकिन भारत का रुख ऐसा नहीं रहा. हम कई तरीकों से रूस पर निर्भर हैं. यही वजह है कि मेरा रुख भी भारत सरकार

Vikrant Shekhawat : Jun 01, 2023, 05:56 PM
Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान मोदी सरकार के खिलाफ कई बयान दिए. नए संसद भवन और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर केंद्र सरकार को घेरा. लेकिन अमेरिकी दौरे में उन्होंने रूस को लेकर मोदी सरकार के रुख की तारीफ की. राहुल गांधी ने कहा, रूस ने यूक्रेन पर हमला किया. पश्चिमी देशों ने रूस का विरोध किया लेकिन भारत का रुख ऐसा नहीं रहा. हम कई तरीकों से रूस पर निर्भर हैं. यही वजह है कि मेरा रुख भी भारत सरकार के जैसा ही होगा.

5 पॉइंट में समझें राहुल गांधी ने भारत सरकार की तारीफ क्यों की?

  1. कांग्रेस सरकार और रूसी सम्बंध: केंद्र में कांग्रेस की सरकार की विदेश नीति में हमेशा से रूस को लिए सॉफ्ट कॉर्नर रहा है. कांग्रेस सरकार की विदेशी नीति का झुकाव रूस की तरफ रहा है. उस दौर में भी रूस और भारत के बीच हमेशा सम्बंध मधुर रहे हैं. कई मौकों पर रूस ने भारत की मदद भी की. वहीं, भारत लम्बे समय से रूस से सामान आयात करता रहा है. यही वजह है कि दोनों देशों के बीच सम्बंध बेहतर रहे. मोदी सरकार में रूस से सम्बंध पहले के मुकाबले और भी बेहतर हुए हैं. यही वजह है कि राहुल गांधी ने मोदी सरकार के रुख की तारीफ की.
  2. गुट-निरपेक्ष आंदोलन लक्ष्य: गुट निरपेक्ष आंदोलन (NAM) 120 सदस्य देशों की अंतरराष्ट्रीय संस्था है. इसकी शुरुआत 1961 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति गमाल अब्दुल, युगोस्लाविया के राष्ट्रपति टीटो, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डाॅ. सुकर्णों ने मिलकर की. इस संगठन का उद्देश्य था कि वो देश किसी भी पॉवर ब्लॉक देश के पक्ष या विरोध में न रहकर निष्पक्ष रुख अपनाएंगे. भारत सरकार ने भी रूस और यूक्रेन के मामले में ऐसा ही रुख अपनाया. न तो भारत ने रूस की बुराई की और न ही यूक्रेन की सहानुभूति को लेकर कुछ कहा.
  3. भारत में कंगाल पड़ोसी देशों जैसे हालत नहीं बने: भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात किया. इसे यूरोपीय देशों में बेचा. इससे देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिली. जहां श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों की हालत खस्ता हुई. यूरोपीय देश भी बुरे हालात से गुजरे,पर भारत में हालात में नहीं बिगड़े. देश ने निर्यात करना जारी रखा. विपरीत परिस्थिति बनने से रोका. यही वजह रही भारत आगे बढ़ता रहा.
  4. शांतिपूर्ण सम्बंधों का हवाला: जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो भारत-पाकिस्तान के मामले में शांति से समझौता करने की बात कई बार कही गई. अब जब रूस और यूक्रेन के बीच जंग हुई तो भारत ने अपना रुख साफ किया. भारत सरकार ने शांतिपूर्ण बातचीत से समझौता कराने की बात कही. देश के इस रुख को राहुल गांधी ने पसंद किया. हालांकि, इस मामले में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भारत को अपना हित भी ध्यान रखने की जरूरत है.
  5. इन योजनाओं को भी सराहा: इसी साल मार्च में राहुल गांधी ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी पहुंचे. जब उनसे मोदी सरकार की ऐसी नीतियों के बारे में पूछा जो गया लोगों को राहत दे रही तो उन्होंने जवाब दिया. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मुफ्त सिलिंडर बांटने वाली भारत सरकार की उज्जवला योजना और बैंकों में खाते खुलवाना, एक बेहतर पहल रही है.