Vikrant Shekhawat : Dec 23, 2020, 12:18 PM
जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर (उत्तराखंड ) के वैज्ञानिकों ने अपने एक विशेष शोध में कहा है कि गंगाजल को प्लास्टिक कंटेनर में रखना सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इससे कई गंभीर परेशानी भी हो सकती है। गंगाजल में मौजूद पोषक तत्त्व प्लास्टिक से क्रिया कर जहरीला हो जाता है। इससे पाचन तंत्र कमजोर, त्वचा से संबंधित समस्याएं, चिड़चिड़ापन, याद्दाश्त में कमी, व्यक्ति का सुध-बुध खोना समेत अन्य गंभीर रोगों की आशंका रहती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि प्लास्टिक में पॉली प्रोक्लीन, पॉलीकार्बोनेट, कार्बनिक रंग व पीवीसी का इस्तेमाल होता है। यह एक प्रकार से सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक रसायन होते हैं। इससे सेहत को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। एक साल बाद इन प्लास्टिक कंटेनरों से थैलेट्स, कार्बनिक रंग, फिलर, फोटो स्टेबलाइजर आदि कैमिकल छूटने लगते है, जो गंगाजल को जहरीला बना देते हैं। इसे कांच की शीशी, चीनी मिट्टी या स्टील के बर्तन में रखें।