राजनीति / TMC में गईं भाजपा सांसद की पत्नी बोलीं- तीन तलाक खत्म करने वाली पार्टी ही मेरे पति से तलाक देने को कह रही

पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसद सौमित्र खान और उनकी पत्नी सुजाता मंडल का रिश्ता कानूनी तौर पर तलाक की ओर बढ़ गया है। सुजाता ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस जॉइन कर ली थी। इसके बाद सौमित्र ने उन्हें तलाक के लिए लीगल नोटिस भेज दिया है।इस पर सुजाता मंडल ने कहा कि राजनीति जब आपकी निजी जिंदगी में घुस जाती है, तो यह रिश्तों के लिए खराब हो जाती है। सौमित्र भाजपा के बुरे लोगों की संगत में हैं।

Vikrant Shekhawat : Dec 23, 2020, 12:14 AM

पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसद सौमित्र खान और उनकी पत्नी सुजाता मंडल का रिश्ता कानूनी तौर पर तलाक की ओर बढ़ गया है। सुजाता ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस जॉइन कर ली थी। इसके बाद सौमित्र ने उन्हें तलाक के लिए लीगल नोटिस भेज दिया है।

इस पर सुजाता मंडल ने कहा कि राजनीति जब आपकी निजी जिंदगी में घुस जाती है, तो यह रिश्तों के लिए खराब हो जाती है। सौमित्र भाजपा के बुरे लोगों की संगत में हैं। ये लोग उन्हें मेरे खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रिपल तलाक को खत्म करने वाली पार्टी सौमित्र को आज मुझे तलाक देने के लिए कह रही है।

चुनावी लड़ाई घर तक आई

सुजाता के TMC में जाने से नाराज सौमित्र ने सोमवार को कहा था कि मैं सुजाता के साथ सभी संबंध खत्म कर रहा हूं। मेरी उनसे गुजारिश है कि वे अपने नाम के साथ खान उपनाम का इस्तेमाल न करें। मैं मीडिया से मेरी अपील है कि सुजाता के नाम के साथ खान न लगाएं।

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां भाजपा ममता सरकार को उखाड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। हाल में गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान TMC के कई विधायक, बागी नेता और एक सांसद भाजपा में शामिल हो गए थे। इसे पार्टी के लिए प्रदेश में बड़ी बढ़त माना जा रहा था। इसके जवाब में TMC ने सुजाता मंडल को अपने पाले में कर लिया। इसी बात पर पति से उनका रिश्ता बिगड़ गया और नौबत तलाक तक आ गई।

खुद सौमित्र पहले TMC में थे

सौमित्र खान विष्णुपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। 2014 में उन्होंने TMC की ओर से ही चुनाव लड़ा और जीता था। 2019 में उन्होंने भाजपा की ओर से चुनाव लड़ा और जीते भी। इस समय वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

सौमित्र ने सियासत की शुरुआत कांग्रेस से की थी। तब वे विधायक का चुनाव जीते थे। 2013 में उन्होंने TMC का दामन थाम लिया और सांसद बन गए। 2019 में भाजपा में आने के बाद उन पर नौकरी के लिए लोगों से रुपये लेने का आरोप लगा। उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। कोलकाता हाईकोर्ट ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में जाने पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद उन्होंने 78,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की।

सौमित्र ने विष्णुपुर में कम्युनिस्टों का 43 साल का राज खत्म किया

विष्णुपुर में 1971 के बाद से लगातार कम्युनिस्ट पार्टी जीतती आ रही थी। सौमित्र ने TMC की ओर से चुनाव लड़ते हुए 2014 में यह सिलसिला तोड़ा। 2019 में भाजपा के टिकट पर दूसरी बार जीत हासिल की।