Vikrant Shekhawat : May 29, 2021, 08:33 AM
नई दिल्ली: बाबा रामदेव के दिए मेडिकल साइंस पर बयान के बाद पतंजलि योगपीठ और इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। पतंजलि योगपीठ ने अब आईएमए की ओर से भेजे गए मानहानि नोटिस पर कानूनी भाषा में करारा जवाब देने की बात कही है। पतंजलि योगपीठ ने गुरुवार (27 मई) को इस बात की पुष्टी की है कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर योग गुरु रामदेव से माफी मांगने को लेकर आईएमए की ओर से एक मानहानि नोटिस हमें मिला है। पीटीआई-भाषा को एक ई-मेल के जवाब में पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण ने इस पूरे मामले की पुष्टि की है।पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण ने कहा है, '' हम भी उन्हें (आईएमए) उनकी ही तरह कानूनी रूप से करारा जवाब देंगे, जैसा कि हम हमेशा अपनी महान मातृभूमि और मानवता की सेवा करते हुए सबकुछ करते हैं।''पतंजलि योगपीठ ने कहा है कि पतंजलि अपनी सारी गतिविधियों को वैज्ञानिक और सत्यता को ध्यान में रखकर करता है। पतंजलि योगपीठ ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि वह किसी भी तरह से ऋषियों और शास्त्रों के महान ज्ञान और विज्ञान की उपेक्षा, अपमान और अनादर नहीं होने दे सकता है।एलोपैथी और एलोपैथी डॉक्टरों के कथित अपमान वाले बाबा रामदेव के बयान के बाद आईएमए ने बुधवार (26 मई) को 6 पन्नों का नोटिस भेजा था। आईएमए ने नोटिस भेजकर 15 दिनों के भीतर स्वामी रामदेव से माफी मांगने और ऐसा नहीं करने पर एसोसिएशन ने एक हजार करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर मांगा है।आईएमए उत्तराखंड के सचिव अजय खन्ना द्वारा ने ये नोटिस बाबा रामदेव को भेजा है। वकील नीरज पांडे ने अजय खन्ना की ओर से ये नोटिस भेजा है, जिसमें बाबा रामदेव पर कोरोना काल में एलोपैथी और इसके डॉक्टरों के मजाक उड़ाने की बात कही गई है।इतना ही नहीं आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र लिखकर योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों के तहत फौरन केस दर्ज करने का अनुरोध किया है।