Bangladesh Election / बांग्लादेश में क्या शेख हसीना की पार्टी लड़ेगी चुनाव? CEC ने दिया जवाब

बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त नासिर उद्दीन ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग आगामी चुनावों में भाग ले सकती है, यदि सरकार या न्यायपालिका प्रतिबंध नहीं लगाती। उन्होंने निष्पक्ष चुनाव कराने और मतदाता सूची अपडेट करने का वादा किया, जनता का विश्वास बहाल करने पर जोर दिया।

Vikrant Shekhawat : Jan 01, 2025, 09:00 PM
Bangladesh Election: बांग्लादेश के चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) नासिर उद्दीन ने सोमवार को चटगांव में एक अहम बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी आगामी राष्ट्रीय चुनावों में हिस्सा ले सकती है, बशर्ते सरकार या न्यायपालिका की ओर से कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाए। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

शेख हसीना और अवामी लीग पर सवाल

शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद अवामी लीग के कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हुई है। कुछ नेताओं ने देश छोड़ दिया, जबकि कई पर गंभीर आरोप लगे। खासकर, पार्टी से जुड़े छात्र संगठनों पर हिंसा के मामलों के आरोप सामने आए हैं। इसके बावजूद, CEC का यह बयान अवामी लीग के लिए राहतभरा हो सकता है।

चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और प्रतिबद्धता

CEC नासिर उद्दीन ने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग बाहरी दबाव से मुक्त है और पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उनके इस बयान ने चुनावी प्रक्रिया में जनता के विश्वास को बहाल करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

चुनाव सुधार और मतदाता सूची अपडेट

CEC ने स्वीकार किया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में फर्जी वोटर्स की समस्या गंभीर थी, जिससे मतदान प्रक्रिया पर जनता का भरोसा कम हुआ। उन्होंने कहा कि अगले छह महीनों में मतदाता सूची को अद्यतन करने का काम पूरा कर लिया जाएगा।

“इस बार चुनाव पिछली गलतियों से सबक लेकर आयोजित किए जाएंगे,” उन्होंने कहा। CEC ने बताया कि 5 अगस्त से चुनावी मामलों पर राष्ट्रीय सहमति को बढ़ावा देने के प्रयासों में प्रगति हुई है।

विश्वास बहाली के लिए रणनीतियां

बैठक में नासिर उद्दीन ने पिछले चुनावों में कम हुए मतदान और विपक्षी पार्टियों द्वारा चुनाव बहिष्कार के मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की प्राथमिकता है कि प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाया जाए।

क्षेत्रीय चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने चुनाव प्रबंधन और सुधार पर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। जनता का भरोसा जीतने के लिए व्यापक रणनीतियों पर चर्चा की गई।

राजनीतिक संतुलन की चुनौती

बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए CEC की घोषणाओं को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक ओर, अवामी लीग के खिलाफ कार्रवाई और हिंसा के आरोप हैं, तो दूसरी ओर, चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और समावेशी बनाने की चुनौती है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या CEC की यह पहल राजनीतिक दलों और जनता के बीच विश्वास बहाल कर पाती है या फिर यह केवल एक घोषणा बनकर रह जाती है। लेकिन इतना तय है कि नासिर उद्दीन ने बांग्लादेश की चुनावी प्रक्रिया में नई ऊर्जा लाने का संकल्प लिया है।