देश / पराली जलाने को कम करने के लिए इसे जैव ईंधन में बदलने पर काम कर रहे हैं: केंद्र

केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि सरकार पराली जलाने को कम करने के लिए इसे जैव ईंधन में बदलने को लेकर काम कर रही है। उन्होंने कहा, "एनटीपीसी लिमिटेड ने हाल ही में जैव ईंधन बनाने के लिए 3,000 टन पराली की खरीद की थी…सरकार इसके परिणामों की समीक्षा करेगी।"

Vikrant Shekhawat : Dec 11, 2021, 02:45 PM
नयी दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को कहा कि देश में पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से मुक्त किया गया है और किसानों को पराली जलाने से निजात मिले इसके लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में पराली से बड़े स्तर पर जैव ईंधन बनाया जाएगा।

यादव ने लोकसभा में जलवायु परिवर्तन पर चल रही चर्चा के दौरान शिरोमणि अकाली दल की सदस्य हरसिमरत कौर बादल की टिप्पणी पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से मुक्त किया गया है और केंद्र ने पराली के निस्तारण के लिहाज से मशीनों के लिए 700 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है।

उन्होंने कहा कि पराली को खाद के रूप में इस्तेमाल करने के लिए एक लाख एकड़ जमीन हरियाणा में, एक लाख एकड़ पंजाब में और छह लाख एकड़ उत्तर प्रदेश में चिह्नित की गयी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने केवल 4,000 एकड़ जमीन पर यह प्रयोग किया लेकिन विज्ञापन बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया, जबकि तुलनात्मक रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने अधिक क्षेत्र में काम किया।

यादव ने बताया कि राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) ने एक निविदा निकाली थी जिसके तहत लगभग 3,000 टन पराली खरीदी गयी। उन्होंने कहा कि पराली का इस्तेमाल तापीय ऊर्जा बनाने, पशु चारे के रूप में किया जा रहा है और भविष्य में बड़े स्तर पर जैव ईंधन बनाने में किया जाएगा।

इससे पहले हरसिमरत कौर बादल ने कहा था कि देश में और खासतौर पर दिल्ली में हवा जहरीली होने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों को बदनाम किया जाता है और पूरा ठीकरा पराली जलाने पर फोड़ दिया जाता है।