Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए। इस दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल प्रभाव से न्यायिक आयोग से जांच के आदेश दिए और पुलिस इन्क्वायरी शुरू कर दी गई है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
यातायात पर सख्त प्रतिबंध
हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने भीड़ नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाए हैं। मेला क्षेत्र में गाड़ियों की एंट्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, सभी वीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं। श्रद्धालु 4 फरवरी तक केवल पैदल ही संगम तक जा सकेंगे। प्रयागराज शहर में चार पहिया वाहनों की आवाजाही भी बंद कर दी गई है, केवल बाइक, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को छूट दी गई है।
हादसे के कारणों की जांच
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। पॉन्टून पुलों को बंद किए जाने और प्रवेश एवं निकास मार्गों के एक समान होने से भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। प्रशासन अब इस तरह की चूक को रोकने के लिए व्यवस्थाओं में बदलाव कर रहा है।
वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू
सरकार ने हादसे से सबक लेते हुए मेला क्षेत्र में वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू कर दिया है। अब श्रद्धालु स्नान के बाद एक अलग मार्ग से बाहर निकलेंगे, जिससे अनावश्यक भीड़भाड़ रोकी जा सके। इसके अलावा, प्रयागराज में आने वाले आठ प्रमुख बॉर्डर भी बंद कर दिए गए हैं, जिससे शहर में भीड़ नियंत्रण करने में मदद मिलेगी।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 60,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे जहां हैं, वहीं स्नान करें और संगम क्षेत्र में अनावश्यक रूप से भीड़ न बढ़ाएं।
श्रद्धालुओं का विश्वास बरकरार
हादसे के बावजूद, श्रद्धालुओं की आस्था और महाकुंभ का उत्साह कम नहीं हुआ है। बुधवार तक संगम समेत 44 घाटों पर करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। प्रशासन अब सुनिश्चित कर रहा है कि आने वाले दिनों में ऐसी कोई दुर्घटना न हो और महाकुंभ का आयोजन सुरक्षित रूप से संपन्न हो।