Reserve Bank of India / UPI Lite से कर सकेंगे अब 5 हजार रुपए तक पेमेंट, RBI ने बढ़ाई लिमिट

हाल के बदलावों के तहत, RBI ने UPI लाइट की पेमेंट लिमिट 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी है। UPI 123पे के माध्यम से ट्रांजेक्शन लिमिट को 5,000 से 10,000 रुपये किया गया है। अब यूजर्स यूपीआई से 5 लाख रुपये तक का टैक्स भी भर सकेंगे।

Vikrant Shekhawat : Oct 09, 2024, 03:40 PM
Reserve Bank of India: आजकल हर कोई छोटी से छोटी पेमेंट करने के लिए UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) या UPI लाइट का इस्तेमाल कर रहा है। इस बढ़ते उपयोग को देखते हुए, RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने UPI लाइट से पेमेंट की लिमिट बढ़ाने का निर्णय लिया है। हाल ही में हुई एक बैठक में, UPI लाइट वॉलेट की लिमिट को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह, UPI 123पे से ट्रांजेक्शन लिमिट को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया गया है। इससे स्पष्ट है कि अब आप UPI लाइट वॉलेट से 5,000 रुपये तक के पेमेंट कर सकते हैं, जो डिजिटल लेनदेन को और भी सुविधाजनक बनाएगा।

UPI 123पे फीचर: फोन यूजर्स के लिए एक नया विकल्प

UPI 123पे एक विशेष फीचर है जो फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह एक इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम है, जो UPI पेमेंट को सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से इस्तेमाल करने की सुविधा प्रदान करता है। UPI 123पे के जरिए फोन यूजर्स चार तकनीकी विकल्पों का उपयोग कर अलग-अलग प्रकार के लेनदेन कर सकते हैं। इनमें आईवीआर नंबर पर कॉल करना, फीचर फोन में ऐप की कार्यक्षमता, मिस्ड कॉल-बेस्ड पेमेंट, और प्रॉक्सिमिटी साउंड-बेस पेमेंट शामिल हैं।

टैक्स पेमेंट की लिमिट में वृद्धि

रिजर्व बैंक ने UPI से टैक्स भरने की लिमिट को भी बढ़ाने की घोषणा की है। अब, UPI से टैक्स भरने की लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन की गई है। इससे यह संभव होगा कि लोग बड़ी रकम के टैक्स पेमेंट को भी आसानी से डिजिटल माध्यम से अदा कर सकें, जो पहले एक चुनौती हुआ करती थी।

UPI का भविष्य: तेजी से बढ़ता उपयोग

PwC India की रिपोर्ट के अनुसार, 2028-29 तक UPI पर कुल ट्रांजेक्शन 439 अरब तक पहुंच जाएगा, जो वर्तमान में 131 अरब है। इसका मतलब है कि डिजिटल पेमेंट में 91 फीसदी की वृद्धि की संभावना है। यह विकास इस बात का संकेत है कि डिजिटल पेमेंट्स का भविष्य बहुत उज्ज्वल है, और लोग तेजी से इस दिशा में बढ़ रहे हैं।

NBFC के लिए नई गाइडलाइंस

आरबीआई ने नॉन बिजनेस फ्लोटिंग रेट लोन से संबंधित बैंकों और NBFCs (नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों) के लिए नई गाइडलाइंस भी जारी की हैं। इसके अनुसार, बैंक और NBFC नॉन बिजनेस फ्लोटिंग रेट लोन पर फोरक्लोजर चार्ज और प्रीपेमेंट पेनल्टी नहीं ले सकते। इस समय, आरबीआई ने बताया कि बैंक और NBFCs की वित्तीय स्थिति मजबूत है, लेकिन कुछ एनबीएफसी की ग्रोथ को लेकर चिंताएँ भी व्यक्त की गई हैं।

निष्कर्ष

UPI और UPI लाइट के उपयोग में वृद्धि और RBI द्वारा की गई नई घोषणाएँ डिजिटल पेमेंट्स की दुनिया में एक नया आयाम जोड़ रही हैं। इससे न केवल लेन-देन की प्रक्रिया आसान हो रही है, बल्कि बड़े वित्तीय लेनदेन को भी सरलता से अदा किया जा सकता है। इस प्रकार, डिजिटल भुगतान का भविष्य और भी उज्ज्वल नजर आ रहा है, जो आने वाले वर्षों में हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करेगा।