Vikrant Shekhawat : Sep 04, 2019, 12:39 PM
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू—कश्मीर के विभिन्न जिलों के सरपंचों, फल उत्पादकों, व्यापारियों, आढ़तियों और फल उत्पादक एसोसिएशन के सदस्यों से मुलाक़ात की। 1947 के दौरान के विस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल ने भी केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाक़ात की। तीनों प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के 370 हटाने वाले साहसिक कदम के लिए बधाई दी। इस मौके पर शाह ने जम्मू कश्मीर से आए विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से कहा कि धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में संविधान के 73वें व 74वें संशोधन अधिनियम लागू हैं जिससे राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होगी।
अमित शाह ने सरपंचों से कहा कि आप ही अब जम्मू कश्मीर के नेता हैं और आपको व्यवस्थाओं को लोगों तक ले जाना है। उनका कहना था कि अब गांव की हुकूमत गांव के पास आ गई है इसलिए गांव-सुधार से संबंधित सभी काम सरपंचों को करने हैं। सरपंचों द्वारा मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल करने के विषय में गृह मंत्री ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में बहुत जल्द मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल हो जाएगी।
उनका कहना था कि भारत सरकार की 85 योजनाएं हैं और उन्हें हर गांव तक पहुंचाना है। शाह ने विशेष रूप से वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा सहायता योजना, मातृत्व सहयोग योजना का उल्लेख किया। उन्होंने सरपंचों से यह भी कहा कि अब आप सब लोगों का यह दायित्व है कि इन योजनाओं के लिए प्रक्रिया पूर्ण करने में गांव के लोगों की मदद करें।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बहुत शीघ्र विभिन्न सरकारी सेवाओं में भर्ती शुरू की जाएगी तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना किसी सिफारिश के हर गांव से कम से कम 5 लोगों की नौकरी मिले। मुलाकात के दौरान फल उत्पादकों ने चिंता जताई कि फसल बर्बाद न हो और उचित कीमत मिले, इस पर शाह ने कहा कि संबन्धित संस्थानों से चर्चा की जा रही है ताकि छोटे से छोटे किसान से भी फसल खरीद की जा सके। इसी संदर्भ में शाह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लागू की जाने वाली सभी योजनाएं जैसे फसल बीमा योजना, किसान बीमा योजना, अब जम्मू कश्मीर के किसानों को भी उपलब्ध होंगी।
गृहमंत्री ने सभी प्रतिनिधियों से स्पष्ट रूप से कहा कि स्थितियां सामान्य होते ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। उनका कहना था कि इस विषय में किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार पर विश्वास ना करें।
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी जमीन किसी से जबरन नहीं ली जाएगी तथा सरकारी जमीन पर उद्योग लगाए जाएँगे, अस्पताल तथा शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। इन सबका का फायदा जम्मू कश्मीर की जनता को ही होगा। शाह ने आगे कहा कि उद्योग लगने से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे तथा राज्य को विभिन्न प्रकार के टैक्सों के रूप में आय होगी जिससे वहां की जनता लाभान्वित होगी।
शाह ने यह भी कहा कि अब हमें माहौल बदलना है जिससे जम्मू कश्मीर के सभी नागरिकों को देश के साथ मुख्यधारा में जोड़ा जा सके। उन्होने संभावना व्यक्त की कि बहुत जल्द ब्लॉक स्तर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अमित शाह ने प्रतिनिधियों से कहा कि हमारी लड़ाई आतंकियों और आतंकवाद से है और आपकी लड़ाई भी उन्हीं से है इसलिए जम्मू कश्मीर में माहौल को शीघ्र से शीघ्र सामान्य बनाया जाए जिससे वहाँ की जनता को लाभ मिल सके।
अमित शाह ने 1947 के दौरान के उन विस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की जो शुरूआत में भारत के विभिन्न राज्यों में रजिस्टर हुए थे पर बाद में ये परिवार जम्मू कश्मीर में आकर बस गए। शाह ने उन्हें विश्वास दिलाया कि जिस योजना के तहत जम्मू कश्मीर में रजिस्टर विस्थापित परिवारों को वित्तीय सहायता दी जा रही है उसमें ऐसे छूटे हुए विस्थापित परिवारों को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।