Vikrant Shekhawat : Jul 25, 2021, 03:25 PM
नई दिल्ली: बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली सर्वोच्च संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि 59.2 फीसदी बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल 'इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप्स' से चैटिंग के लिए कर रहे हैं, जबकि केवल 10.1 फीसदी बच्चे ही इसका इस्तेमाल ऑनलाइन पढ़ाई के लिए करना पसंद करते हैं। स्टडी में कहा गया है, ''करीब 59.2 फीसदी बच्चे अपने स्मार्ट फोन/इंटरनेट डिवाइसेज का इस्तेमाल चैटिंग (वॉट्सऐप/ फेसबुक/ इंस्टाग्राम/ स्पनैपचैट) के लिए करते हैं, जबकि केवल 10.1 फीसदी बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल पढ़ाई या कुछ सीखने के लिए करते हैं।'' बच्चों की ओर से मोबाइल फोन और दूसरे इंटरनेट युक्त डिवाइसेज के इस्तेमाल से बच्चों पर होने वाले असर को जानने के लिए की गई स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है कि 30.2 फीसदी बच्चों के पास अपना अलग स्मार्टफोन है। रिपोर्ट में कहा गया है, ''यह नोट करना भी दिलचस्प है कि 8 से 18 साल की उम्र के 30.2 फीसदी बच्चों के पास अपना अलग स्मार्टफोन है और वे उसका इस्तेमाल सभी उद्देश्यों के लिए करते हैं।''हैरानी की बात यह है कि 10 साल की उम्र के 37.8 फीसदी बच्चों का फेसबुक अकाउंट है, जबकि इसी उम्र के 24.3 फीसदी का इंस्टाग्राम अकाउंट है। 13 साल से अधिक उम्र के बच्चों के पास अलग स्मार्टफोन तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि, लैपटॉप और टैबलेट्स इस्तेमाल करने वाले बच्चों की संख्या स्थिर है। स्टडी में कहा गया है कि इससे पता चलता है कि अभिभावक बच्चों को लैपटॉप की जगह अलग स्मार्टफोन देना अधिक पसंद करते हैं।