Vikrant Shekhawat : Sep 05, 2024, 07:00 AM
Bangladesh Violence: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हत्या के दो नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे उनके खिलाफ मुकदमों की कुल संख्या 94 हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये मामले सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हुई हत्याओं से जुड़े हैं।पहला मामला 19 जुलाई को ढाका में विरोध प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या से संबंधित है। मृतक की पत्नी ने ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अफनान सुमी की अदालत में मामला दर्ज कराया। इसमें पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान और अवामी लीग के कई नेता आरोपी हैं। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके पति की हत्या बांग्लादेश टेलीविजन भवन के सामने की गई थी।दूसरा मामला जात्राबाड़ी इलाके में एक छात्र की मौत से जुड़ा है। छात्र की मां ने आरोप लगाया कि उसके बेटे को आरक्षण सुधार आंदोलन में भाग लेने के बाद गोली मार दी गई थी। यह घटना पांच अगस्त को हुई थी, और छात्र को ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया था। इस मामले में हसीना, पूर्व कानून मंत्री शफीक अहमद, और 293 अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।किसने दर्ज कराया केस?‘डेली स्टार’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, 19 जुलाई को विरोध प्रदर्शन के दौरान ढाका के एक निवासी की हत्या का मामला बुधवार को हसीना और 26 अन्य लोगों पर दर्ज किया गया। मृतक की पत्नी ने ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अफनान सुमी की अदालत में मामला दर्ज कराया, जिन्होंने ‘पुलिस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ से जांच के बाद रिपोर्ट पेश करने को कहा। इस मामले में पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान, अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर और अवामी लीग तथा इसके अग्रणी संगठनों के कई नेता और कार्यकर्ता आरोपी हैं। मृतक की पत्नी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उसके पति की 19 जुलाई को बांग्लादेश टेलीविजन भवन के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।छात्र की मौत का मामलाजात्राबाड़ी इलाके में एक छात्र की मौत के मामले में एक अन्य मामला हसीना, पूर्व कानून मंत्री शफीक अहमद, पूर्व अटॉर्नी जनरल एएम अमीन उद्दीन, उच्चतम न्यायालय की वकील तानिया आमिर और 293 अन्य के खिलाफ दर्ज किया गया है। मृतक छात्र की मां ने रविवार को जात्राबाड़ी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था। मामले में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके बेटे ने पांच अगस्त को आरक्षण सुधार आंदोलन में भाग लिया था और सुबह करीब नौ बजे जब वह जात्राबाड़ी पुलिस स्टेशन पार कर रहा था, तब उसे गोली मार दी गई। उसे ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।