Vikrant Shekhawat : Sep 25, 2020, 04:15 PM
नई दिल्ली। बिहार में करीब 2 मिलियन टन मक्का पैदा होता है। उत्पादक किसानों को खुले बाजार में कम दाम पर बेचने को मजबूर होना पड़ेगा। बिहार प्रमुख मक्का उत्पादक राज्य है। यहां देश का करीब 9 फीसदी मक्का पैदा होता है। बिहार का 80 फीसदी मक्का उत्तरी बिहार के खगड़िया, अररिया, बेगूसराय, कटिहार, किशनगंज और सहरसा सहित 18 जिलों में होता है। यहां यह रबी और खरीफ दोनों की फसल है। चुनावी एलान और किसान आंदोलन के बीच बिहार के किसानों के लिए यह एक निराश होने वाली खबर है। इस साल भी यहां मक्के की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं होगी। बिहार में पहले के ऐसे उदाहरण हैं कि व्यापारियों ने एमएसपी से बहुत कम दाम पर खरीद की है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि बिहार सरकार ने चालू वर्ष के लिए मक्के की खरीद के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। इसलिए भारत सरकार ने बिहार में मक्के की खरीद के लिए किसी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। दो लाइन का यह स्टेटमेंट बिहार के किसानों की मुसीबत बढ़ाने वाला है।नहीं है फिर भी कोई खरीद केंद्रबिहार के किसानों ने एमएसपी न मिलने के खिलाफ लॉकडाउन के दौरान 'मक्का हवन' किया था। बिहार किसान मंच के अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह टुडू का कहना है कि उनका प्रदेश देश के प्रमुख मक्का उत्पादक राज्यों में शामिल है। लेकिन यहां के मक्का उत्पादक किसानों को उचित दाम नहीं मिलता।केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान बिहार से हैं। एफसीआई उनके अधीन है इसके बावजूद यहां पर मक्के का कोई सरकारी खरीद केंद्र नहीं है। नीतीश सरकार धान और गेहूं का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाती है और मक्के की खरीद करती ही नहीं।