आत्मनिर्भर 3 / मोदी सरकार ने दिवाली से पहले दिए ये 5 तोहफे, अर्थव्यवस्था को मिला नया बूस्टर

दिवाली से पहले सरकार ने अर्थव्यवस्था को एक और बूस्टर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो लाख 65 हजार करोड़ रुपए के तीसरे प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया। इसके साथ उन्होंने नई रोजगार सृजन योजना की घोषणा की। नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने दो करोड़ रुपए तक की आवसीय इकाइयों की पहली बार सर्कल दर से कम कीमत पर बिक्री पर आयकर नियमों में छूट देने का भी ऐलान किया।

दिवाली से पहले सरकार ने अर्थव्यवस्था को एक और बूस्टर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो लाख 65 हजार करोड़ रुपए के तीसरे प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया। इसके साथ उन्होंने नई रोजगार सृजन योजना की घोषणा की। नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने दो करोड़ रुपए तक की आवसीय इकाइयों की पहली बार सर्कल दर से कम कीमत पर बिक्री पर आयकर नियमों में छूट देने का भी ऐलान किया। इसके साथ उन्होंने अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिए। निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कुछ और प्रोत्साहनों की घोषणा करते हुए कहा कि व्यापक आर्थिक संकेतक हालात में सुधार हो रहा है। अर्थव्यवस्था में सुधार का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि कंपोजित परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स अक्तूबर में बढकर 58.9 रहा। ऊर्जा खपत में भी 12 फीसदी की वृद्धि हुई है। वहीं, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह दस प्रतिशत बढकर 1.05 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया। जानिए, उन पांच तोहफों के बारे में जिसे मोदी सरकार ने दिवाली से पहले जनता को दिया है...

नई रोजगार सृजन योजना

निर्मला सीतारमण ने नई रोजगार सृजन योजना का ऐलान करते हुए कहा कि इस योजना के तहत नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी दी जाएगी। सब्सिडी के तहत दो साल के लिए सेवानिवृत्ति निधि में कर्मचारियों के साथ ही नियोक्ताओं के योगदान को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों और नियोक्ता का योगदान मिलाकर कुल वेतन का 24 फीसदी हिस्सा अगले दो वर्षो के लिए नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 15 हजार से कम मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारी को गिना जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें पंद्रह हजार से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोरोना महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था। ऐसे लोग एक अक्टूबर के बाद इस योजना से जुड़ सकते हैं। 

आवासीय इकाइयों की बिक्री पर कर राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो करोड़ रुपये तक की आवासीय इकाइयों की पहली बार सर्कल दर से कम कीमत पर बिक्री पर आयकर नियमों में छूट देने की बुधवार को घोषणा की है। अभी तक सर्किल दर और बिक्री करार मूल्य के बीच सिर्फ 10 प्रतिशत तक के अंतर की इजाजत है। आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि अब इस अंतर को 30 जून 2021 तक बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।

शहरी योजना के लिए 18 हजार करोड़ रुपए

इसके साथ सरकार ने शहरी आवास योजना के लिए 18,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान की घोषणा की। इससे रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे अनेक क्षेत्रों में रोगजार मिलेगा और अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए बजट अनुमानों के अलावा अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से 18,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। यह राशि इस साल दिए जा चुके 8,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त होगी।

कोरोना टीके के लिए 900 करोड़ के अनुदान का ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 के टीके पर शोध के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग को 900 करोड़ रुपये अनुदान देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अनुदान के दायरे में टीके की वास्तविक लागत और वितरण का खर्च शामिल नहीं है। टीका उपलब्ध होने पर इसके लिए अलग से प्रावधान किया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि घरेलू रक्षा उपकरण, औद्योगिक प्रोत्साहन, अवसंरचना और हरित ऊर्जा के लिए पूंजीगत एवं औद्योगिक व्यय के लिए 10,200 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय आवंटन का भी प्रावधान किया जाएगा।

किसानों के लिए 65 हजार करोड़ की सब्सिडी 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को घोषित प्रोत्साहन पैकेज के तहत किसानों को 65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसानों को आगामी फसल सत्र के दौरान उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने 65,000 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।