Maharashtra / आदित्य ठाकरे ने लिया राम मंदिर का क्रेडिट, राहुल से पूछताछ पर भी बोले

शिवसेना के सीनियर लीडर और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे बुधवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने अयोध्या को भारत की आस्था से जुड़ी नगरी बताते हुए कहा कि शिवसेना ने 2018 में ये नारा दिया था कि 'पहले मंदिर फिर सरकार' और इस नारे के बाद ही रामनगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ। ठाकरे ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत की आस्था की इस नगरी में अदालत के आदेश पर मंदिर का निर्माण हो रहा है।

Vikrant Shekhawat : Jun 15, 2022, 07:44 PM
शिवसेना के सीनियर लीडर और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे बुधवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने अयोध्या को भारत की आस्था से जुड़ी नगरी बताते हुए कहा कि शिवसेना ने 2018 में ये नारा दिया था कि 'पहले मंदिर फिर सरकार' और इस नारे के बाद ही रामनगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ। ठाकरे ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत की आस्था की इस नगरी में अदालत के आदेश पर मंदिर का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि वह अयोध्या में रामलला और हनुमान जी के दर्शन कर उनसे प्रार्थना करेंगे कि वह जनसेवा के अपने संकल्प को पूरा कर सकें। 

आदित्य ठाकरे ने साथ ही यह भी कहा कि वह महाराष्ट्र से काफी संख्या में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में महाराष्ट्र सदन का निर्माण कराएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से जगह उपलब्ध कराने के बारे में बात करेंगे। अयोध्या पर राजनीति से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव में हम जो कहते है, उसे पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि हम राजनीति करने के मकसद से अयोध्या नहीं आए हैं। अयोध्या में हम भक्त बनकर आए हैं। अयोध्या के साधु संत हमारा स्वागत कर रहे है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के सवाल पर भी आदित्य ठाकरे ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आज सभी केंद्रीय एजेंसियां प्रोपेगेंडा मैटीरियल बन कर रह गई हैं। उन्होंने कहा, 'राम के साथ साथ हमारा अयोध्या के सभी लोगों से आत्मीय नाता है। हम यहां इसलिए दर्शन करने आये है कि हमारे हाथों  से अच्छी सेवा हो।' गौरतलब है कि ठाकरे इससे पहले भी दो बार अपने पिता एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ अयोध्या आ चुके हैं। वह अकेले पहली बार अयोध्या आए हैं। गौरतलब है कि राम मंदिर आंदोलन में शिवसेना भी हिस्सा थी, लेकिन अब वह भाजपा से अलग है और एनसीपी एवं कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सरकार चला रही है।