देश / पांच मिनट की देरी से जिन्दगीभर की मेहनत पर फिर गया पानी

अध्यापक पात्रता परीक्षा में रविवार को कुछ परीक्षार्थी परीक्षा देने से चूक गए। सैकड़ों किमी. का सफर करने के बाद केन्द्र पर तो पहुंचे लेकिन प्रवेश का समय बीत चुका था। निर्धारित समय के बाद केन्द्र का प्रवेश द्वार बंद होने पर इधर-उधर भटकते और बिलखते रहे, लेकिन प्रवेश नहीं मिल सका। प्रवेश नहीं मिलने से महिलाओं के आंसू बह निकले। आखिर परीक्षा दिए बगैर मायूस होकर लौटना पड़ा।

Vikrant Shekhawat : Sep 27, 2021, 06:11 PM
अजमेर. अध्यापक पात्रता परीक्षा में रविवार को कुछ परीक्षार्थी परीक्षा देने से चूक गए। सैकड़ों किमी. का सफर करने के बाद केन्द्र पर तो पहुंचे लेकिन प्रवेश का समय बीत चुका था। निर्धारित समय के बाद केन्द्र का प्रवेश द्वार बंद होने पर इधर-उधर भटकते और बिलखते रहे, लेकिन प्रवेश नहीं मिल सका। प्रवेश नहीं मिलने से महिलाओं के आंसू बह निकले। आखिर परीक्षा दिए बगैर मायूस होकर लौटना पड़ा।

केस-1: भारी पड़ी लापरवाही

गुजरात के दाउ से दमयंती तंवर रीट परीक्षा देने पहुंची। उनका गवर्नमेंट सेन्ट्रल गल्र्स स्कूल केन्द्र आया। वह सुबह ९ बजे सेंटर पहुंच गई लेकिन जब प्रवेश की बारी आई तो प्रवेश पत्र नदारद था। उसने ई-मित्र से प्रवेश पत्र निकलवाने का प्रयास किया लेकिन रोल नम्बर याद नहीं होने से काम नहीं बना।बाइक सवार युवक की मदद से नगरा स्थित बहन के घर पर से प्रवेश पत्र लौटी लेकिन तब तक समय बीत चुका था। उसे प्रवेश नहीं दिया गया। वह प्रवेश के लिए स्कूल के सभी गेट पर भटकती रही।

पांच मिनट थे शेष

परीक्षा देने से चूकी दमयंति तंवर केन्द्र के बाहर बिलखती रही लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। उसका कहना था कि सालभर मेहनत करने के बाद वह परीक्षा देने आई। उसका अंतिम अवसर था। परीक्षा शुरू होने में पांच मिनट रहते वह वापस पहुंच गई लेकिन प्रवेश नहीं दिया।

केस-2: तीन मिनट देरी भी नहीं स्वीकार

अस्पताल में भर्ती प्रगति उत्तम को परिजन सेन्ट्रल गल्र्स स्कूल लेकर पहुंचे लेकिन केन्द्र प्रभारी ने प्रवेश देने से इनकार कर दिया। प्रगति के पति ने सेंटर प्रभारी से लेकर रीट अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया लेकिन सब इधर-उधर घुमाते रहे। उनका आरोप था कि केन्द्र प्रभारी ने सहयोग नहीं किया। उन्होंने प्रगति के अस्पताल में भर्ती होने का सर्टिफिकेट तक दिखाया लेकिन कोई सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया गया। तीन मिनट से ज्यादा समय उन्हें इधर से उधर भेजने में गंवा दिया