News18 : Jul 26, 2020, 06:43 AM
Delhi: चीन (china) ने रचा दूसरा करगिल (Kargil)। 20 साल पहले लद्दाख (Ladakh) को कश्मीर (Kashmir) से अलग करने की साजिश पाकिस्तान (Pakistan) ने रची थी अब चीन ने लद्दाख में भारतीय इलाके को क़ब्ज़ा करने की साजिश रच डाली। ठीक 21 साल बीत चुके हैं जब पाकिस्तानी सेना को करगिल की पहाड़ियों से भारतीय सेना ने मार-मार कर भगाया था। उसके बाद से अब तक पाकिस्तान दोबारा वैसी हरकत करने ही हिम्मत तक जुटा नहीं सका लेकिन साजिश रचने से अभी भी बाज नहीं आ रहा है। चीन के ऑल वेदर फ़्रेंड होने का नाजायज़ फ़ायदा उठाने में पाकिस्तान भी नहीं चूकना चाहता और चीन के साथ मिलकर उसने वही साजिश रच दी जो करगिल के दौरान रची थी।
उस वक़्त पाकिस्तान के सेना प्रमुख जन परवेज़ मुशर्रफ ने ऑपरेशन बद्र रचा था और इसके तहत वो लद्दाख को भारत से काटना चाहते थे। पहले द्रास से जाने वाले नेशनल हाइवे को काटकर भारत का संपर्क लद्दाख से काटना फिर सियाचिन पर क़ब्ज़ा करने की उनकी मंशा थी। वैसा ही कुछ इस बार चीन ने किया है। बस फर्क ये है कि पाकिस्तान इस साजिश में फिलहाल पर्दे के पीछे से चीन को पूरी मदद देने में लगा है। चीन की महत्वपूर्ण परियोजना CEPC के जरिए पहले पाकिस्तान ने चीन को पीओके में क़दम रखवाया और फिर लगातार अपने सैन्य ठिकानों को चीन के हवाले कर दिया।लेह से महज़ 100 किलोमीटर दूर गिलगित बाल्टिस्तान के स्कार्दू में पाकिस्तानी एयरबेस को पूरी तरह से चीन के इस्तेमाल के लिए खोल दिया गया। साथ ही पूरे गिलगित बाल्टिस्तान में सड़कों का जो जाल चीन ने बिछाया है वो CPEC के साथ साथ भारत को ध्यान में रखकर ही किया गया है। क्योंकि चीन अगर आमने-सामने की लड़ाई में भारत के साथ भिड़ता है तो उसे कड़ी टक्कर मिल सकती है। ऐसे में चीन न सिर्फ दूसरी फ़्रंट लद्दाख में खोल लेना चाहता है बल्कि पाकिस्तान के माध्यम से करगिल में चोरबाटला के जरिए सियाचिन के क़रीब पहुंचना चाहता था। जिसे सबसे पहले भारतीय सेना के लद्दाख स्काऊट्स ने नाकाम किया। तो वहीं अब चीन सियाचिन से लगते इलाके को अपने क़ब्ज़े में लेना चाहता है।चीन ने भी भारत पाकिस्तान के बीच करगिल के युद्ध के दौरान ही आज के मौजूदा हालातों की स्क्रिप्ट लिख दी थी। जानकारों की माने तो जिस वक़्त भारत पाकिस्तान से करगिल में निपट रहा था उसी दौरान मौके का फ़ायदा उठाकर पैंगाग के फ़िंगर 8 से फ़िंगर 4 तक की सड़क बना डाली। उसके बाद से भारतीय सेना का अपने इलाक़े यानी की फ़िंगर 8 पर पेट्रोलिंग करना तक दुश्वार हो गया। जैसे ही भारतीय सेना पेट्रोलिंग के लिए निकलती थी तभी वो ऑबजर्वेशन पोस्ट से देखकर अपनी सेना को गाड़ियों के जरिए भारतीय सेना को रोकने के लिए भेज देता था और ये सिलसिला अप्रैल 2020 तक जारी रहा और अब तो चीन ने दूसरा करगिल बना दिया यानी न सिर्फ वो भारतीय इलाक़ों पर डटा बैठा है बलिक ऊंची पहाड़ियों पर भी अपनी सहूलियत से क़ब्ज़ा कर चुका है। जिस तरह के हालात बने हुए हैं उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि ये सब जल्दी ठीक नहीं होने वाला है। चीन ने अपनी पूरी ताक़त को इस इलाके में झोंक दी। लद्दाख इलाके में ही 40 हज़ार के क़रीब चीने सैनिकों की तैनाती की।काराकोरम हाइवे से जुड़ती CPEC को भविष्य में कोई ख़तरा न हो और इसका डर चीन को उस दिन से सताने लगा जब भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर लद्दाख और जम्मू कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बदल दिया। चीन ने इसका विरोध किया था और फिर भारत सरकार ने पूरा पीओके वापस लेने का ऐलान किया, जिसने चीन के डर को और बढ़ा दिया।
उस वक़्त पाकिस्तान के सेना प्रमुख जन परवेज़ मुशर्रफ ने ऑपरेशन बद्र रचा था और इसके तहत वो लद्दाख को भारत से काटना चाहते थे। पहले द्रास से जाने वाले नेशनल हाइवे को काटकर भारत का संपर्क लद्दाख से काटना फिर सियाचिन पर क़ब्ज़ा करने की उनकी मंशा थी। वैसा ही कुछ इस बार चीन ने किया है। बस फर्क ये है कि पाकिस्तान इस साजिश में फिलहाल पर्दे के पीछे से चीन को पूरी मदद देने में लगा है। चीन की महत्वपूर्ण परियोजना CEPC के जरिए पहले पाकिस्तान ने चीन को पीओके में क़दम रखवाया और फिर लगातार अपने सैन्य ठिकानों को चीन के हवाले कर दिया।लेह से महज़ 100 किलोमीटर दूर गिलगित बाल्टिस्तान के स्कार्दू में पाकिस्तानी एयरबेस को पूरी तरह से चीन के इस्तेमाल के लिए खोल दिया गया। साथ ही पूरे गिलगित बाल्टिस्तान में सड़कों का जो जाल चीन ने बिछाया है वो CPEC के साथ साथ भारत को ध्यान में रखकर ही किया गया है। क्योंकि चीन अगर आमने-सामने की लड़ाई में भारत के साथ भिड़ता है तो उसे कड़ी टक्कर मिल सकती है। ऐसे में चीन न सिर्फ दूसरी फ़्रंट लद्दाख में खोल लेना चाहता है बल्कि पाकिस्तान के माध्यम से करगिल में चोरबाटला के जरिए सियाचिन के क़रीब पहुंचना चाहता था। जिसे सबसे पहले भारतीय सेना के लद्दाख स्काऊट्स ने नाकाम किया। तो वहीं अब चीन सियाचिन से लगते इलाके को अपने क़ब्ज़े में लेना चाहता है।चीन ने भी भारत पाकिस्तान के बीच करगिल के युद्ध के दौरान ही आज के मौजूदा हालातों की स्क्रिप्ट लिख दी थी। जानकारों की माने तो जिस वक़्त भारत पाकिस्तान से करगिल में निपट रहा था उसी दौरान मौके का फ़ायदा उठाकर पैंगाग के फ़िंगर 8 से फ़िंगर 4 तक की सड़क बना डाली। उसके बाद से भारतीय सेना का अपने इलाक़े यानी की फ़िंगर 8 पर पेट्रोलिंग करना तक दुश्वार हो गया। जैसे ही भारतीय सेना पेट्रोलिंग के लिए निकलती थी तभी वो ऑबजर्वेशन पोस्ट से देखकर अपनी सेना को गाड़ियों के जरिए भारतीय सेना को रोकने के लिए भेज देता था और ये सिलसिला अप्रैल 2020 तक जारी रहा और अब तो चीन ने दूसरा करगिल बना दिया यानी न सिर्फ वो भारतीय इलाक़ों पर डटा बैठा है बलिक ऊंची पहाड़ियों पर भी अपनी सहूलियत से क़ब्ज़ा कर चुका है। जिस तरह के हालात बने हुए हैं उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि ये सब जल्दी ठीक नहीं होने वाला है। चीन ने अपनी पूरी ताक़त को इस इलाके में झोंक दी। लद्दाख इलाके में ही 40 हज़ार के क़रीब चीने सैनिकों की तैनाती की।काराकोरम हाइवे से जुड़ती CPEC को भविष्य में कोई ख़तरा न हो और इसका डर चीन को उस दिन से सताने लगा जब भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर लद्दाख और जम्मू कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बदल दिया। चीन ने इसका विरोध किया था और फिर भारत सरकार ने पूरा पीओके वापस लेने का ऐलान किया, जिसने चीन के डर को और बढ़ा दिया।