Zee News : Jul 10, 2020, 08:09 AM
नई दिल्ली: पिछले 6 महीने ने दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और मौत के आंकड़े आपको हैरान करते रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कोरोना वायरस से कहीं ज्यादा घातक है वायु प्रदूषण? हम तो ये मानते रहे कि पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से पर्यावरण साफ हुआ है। जालंधर से हिमालय की वादियां दिख रही थी और गंगा का पानी बिलकुल साफ और नीला दिखने की खबरें भी सामने आईं। लेकिन इसके बावजूद एक कड़वा सच ये रहा कि शुरुआती 6 महीने में लॉकडाउन के बावजूद राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह स 24 हजार मौत हुए हैं।
दिल्ली में कभी खत्म नहीं हुआ था वायु प्रदूषणपर्यावरण पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्रीनपीस (Greenpeace) ने अपने ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि दिल्ली में 25 मार्च से कोविड-19 को लेकर सख्त लॉकडाउन के बावजूद 2020 के शुरुआती छह महीनों में यहां वायु प्रदूषण के कारण करीब 24,000 लोगों की जान गई और सरकार को जीडीपी के 5।8 प्रतिशत नुकसान का सामना करना पड़ा। आईक्यूएयर (AQI) के नए ऑनलाइन उपकरण एयर विजुअल और ग्रीनपीस (Greenpeace) दक्षिणपूर्व एशिया के मुताबिक दिल्ली में वर्ष के शुरुआती छह महीनों के दौरान वायु प्रदूषण की वजह से 26,230 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ, जो उसके वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5।8 प्रतिशत के बराबर है।
यह दुनिया के 28 प्रमुख शहरों में जीडीपी के लिहाज से वायु प्रदूषण से होने वाला सबसे ज्यादा नुकसान है। ग्रीनपीस ने एक बयान में कहा, '2020 के शुरुआती छह महीनों में 24,000 लोगों की मौत का संबंध वायु प्रदूषण से है।'बयान के मुताबिक मुंबई में वायु प्रदूषण की वजह से इस अवधि के दौरान 14,000 लोगों की जान गई और 15,750 करोड़ का नुकसान हुआ।
दिल्ली में कभी खत्म नहीं हुआ था वायु प्रदूषणपर्यावरण पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्रीनपीस (Greenpeace) ने अपने ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि दिल्ली में 25 मार्च से कोविड-19 को लेकर सख्त लॉकडाउन के बावजूद 2020 के शुरुआती छह महीनों में यहां वायु प्रदूषण के कारण करीब 24,000 लोगों की जान गई और सरकार को जीडीपी के 5।8 प्रतिशत नुकसान का सामना करना पड़ा। आईक्यूएयर (AQI) के नए ऑनलाइन उपकरण एयर विजुअल और ग्रीनपीस (Greenpeace) दक्षिणपूर्व एशिया के मुताबिक दिल्ली में वर्ष के शुरुआती छह महीनों के दौरान वायु प्रदूषण की वजह से 26,230 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ, जो उसके वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5।8 प्रतिशत के बराबर है।
यह दुनिया के 28 प्रमुख शहरों में जीडीपी के लिहाज से वायु प्रदूषण से होने वाला सबसे ज्यादा नुकसान है। ग्रीनपीस ने एक बयान में कहा, '2020 के शुरुआती छह महीनों में 24,000 लोगों की मौत का संबंध वायु प्रदूषण से है।'बयान के मुताबिक मुंबई में वायु प्रदूषण की वजह से इस अवधि के दौरान 14,000 लोगों की जान गई और 15,750 करोड़ का नुकसान हुआ।