Hindu in Bangladesh / अमेरिका हुआ बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए एक्टिव...

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ गई है। अमेरिका ने भी इस पर चिंता जताई है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की अपील की है। भारत और अमेरिका, बांग्लादेश से स्थिति नियंत्रित करने के कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

Vikrant Shekhawat : Oct 08, 2024, 09:03 AM
Hindu in Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर हिंदुओं, के खिलाफ हिंसा में तेजी आई है। शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद देश में अस्थिरता और कट्टरपंथी तत्वों की सक्रियता बढ़ गई है, जिससे धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। भारत और अमेरिका ने बांग्लादेश में बदलते हालातों पर चिंता व्यक्त की है, खासकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे पर।

भारत और अमेरिका की प्रतिक्रिया

भारत ने शुरुआत से ही बांग्लादेश के बिगड़ते हालात पर चिंता जताई है, क्योंकि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय लंबे समय से धार्मिक कट्टरपंथियों के निशाने पर रहा है। भारत के साथ-साथ अब अमेरिका भी इन घटनाओं पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त कर रहा है।

अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा बेहद जरूरी है। उन्होंने विशेष रूप से हिंदू समुदाय के दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहार के दौरान हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई। मिलर ने कहा, “अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा दुनिया भर में जरूरी है,” और बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

अमेरिका-बांग्लादेश संबंधों में नया मोड़

पिछले महीने न्यूयॉर्क में हुई संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की बैठक के दौरान बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई मुलाकात ने दोनों देशों के संबंधों को लेकर सकारात्मक संकेत दिए। इस मुलाकात के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अमेरिका और बांग्लादेश के बीच संबंध और मजबूत हो रहे हैं। इसी कड़ी में, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर अमेरिका की चिंता भी उभरकर सामने आई है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ती हिंसा

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदुओं, के खिलाफ हिंसा बढ़ गई है। अगस्त में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से देश में राजनीतिक अस्थिरता और सरकार विरोधी प्रदर्शनों का माहौल बना हुआ है। कट्टरपंथी समूहों ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, और हिंदू समुदाय पर दुर्गा पूजा के दौरान विशेष रूप से हमले बढ़े हैं।

हिंसा के भयानक परिणाम

संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद हुई हिंसा में 600 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इनमें बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी शामिल हैं। यह स्थिति न केवल देश के सामाजिक और धार्मिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय छवि को भी धूमिल कर रही है।

भारत और अमेरिका की अपील

बांग्लादेश के बिगड़ते हालातों को देखते हुए भारत और अमेरिका दोनों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपील की है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए। बांग्लादेश की धार्मिक विविधता और सामाजिक संरचना को बचाए रखने के लिए इन चुनौतियों से निपटने की तत्काल आवश्यकता है। भारत और अमेरिका की चिंताएं इस बात का संकेत हैं कि बांग्लादेश के मौजूदा हालात दक्षिण एशिया के पूरे क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं।

निष्कर्ष

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ती हिंसा ने देश की स्थिरता और सुरक्षा को गहरा धक्का दिया है। भारत और अमेरिका की चिंताओं के बावजूद, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह इस हिंसा को रोके और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे। आने वाले समय में, यह देखना होगा कि क्या बांग्लादेश इन चुनौतियों का समाधान कर पाता है या फिर यह संकट और गहराता है।