Vikrant Shekhawat : Jun 22, 2021, 03:51 PM
Delhi: चीन, रूस और ईरान जैसे देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों में तल्खी देखने को मिली है। ऐसे में अमेरिका लगातार अपने आपको सैन्य तौर पर मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। हाल ही में अमेरिकी नौसेना ने अपने नए एयरक्राफ्ट कैरियर की टेस्टिंग के लिए विस्फोट किया जिसके चलते समंदर में भूकंप जैसे हालात बन गए।
अमेरिकी नौसेना ने युद्ध को लेकर अपनी क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए अपने एक विमानवाहक पोत के पास 40 हजार पाउंड्स के विस्फोटक दागे हैं। बता दें कि युद्ध के हालातों में कई बार बम इन पोत के पास गिरते हैं। अमेरिकी नौसेना देखना चाहती थी कि क्या उनके शिप युद्ध के हालातों में भीषण बमों के हमले झेल सकते हैं या नहीं।
अमेरिकी नौसेना ने युद्ध को लेकर अपनी क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए अपने एक विमानवाहक पोत के पास 40 हजार पाउंड्स के विस्फोटक दागे हैं। बता दें कि युद्ध के हालातों में कई बार बम इन पोत के पास गिरते हैं। अमेरिकी नौसेना देखना चाहती थी कि क्या उनके शिप युद्ध के हालातों में भीषण बमों के हमले झेल सकते हैं या नहीं।
अमेरिकी नौसेना ने इस एयरक्राफ्ट कैरियर के पास 40 हजार पाउंड यानि 18,144 किलो का विस्फोट किया था। इस विस्फोट के साथ ही समुद्र के एक बड़े हिस्से में जबरदस्त हलचल महसूस की गई और इस विस्फोट के चलते पानी काफी ऊपर तक उछल गया था। ये विस्फोट इतना खतरनाक था कि इसके चलते 3।9 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था। अमेरिकी नौसेना ने इस मामले में सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि इन विस्फोटों का मकसद नए जहाजों के डिजाइन का शॉक परीक्षण करना होता है। इस पोस्ट में आगे लिखा था कि शॉक परीक्षण के सहारे इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि अमेरिकी जहाज युद्ध जैसे हालातों में कठोर परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं या नहीं। इस टेस्टिंग के दौरान कोई समस्या पाए जाने पर उसे ठीक कर लिया जाता है और इससे सैनिकों को काफी फायदा होता है। यूएसस जेराल्ड आर फोर्ड नाम के इस एडवांस कैरियर में फ्लोरिडा के तट से लगभग 100 मील दूर अटलांटिक महासागर में विस्फोट किया गया था। बता दें कि अमेरिकी नौसेना द्वारा इस विस्फोट को समंदर के अंदर अंजाम दिया गया है। वहीं, एयरक्राफ्ट कैरियर पानी की सतह के ऊपर था। इस मामले में सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इस विस्फोट के चलते समुद्री पर्यावरण और यहां मौजूद जीवों को लेकर चिंता भी जताई है। अमेरिकी नौसेना ने इस मामले में कहा कि पर्यावरण को देखते हुए ये नियंत्रित विस्फोट किए जाते हैं। वो समुद्री जीवों के प्रवासन पैटर्न का सम्मान करते हैं, ऐसे में सब पहलुओं को देखने के बाद सुरक्षित तरीके से ये विस्फोट करवाया गया है।Ever wonder what a 40,000 pound explosive looks like from the bridge wing of a @USNavy aircraft carrier?
— USS Gerald R. Ford (CVN 78) (@Warship_78) June 20, 2021
Watch footage from #USSGeraldRFord's first explosive event of Full Ship Shock Trials and find out! 🤯#ThisIsFordClass #WeAreNavalAviation #Warship78 pic.twitter.com/2kbeEkF0g1