देश / हिजाब विवाद पर फिर बोले ओवैसी-महिलाएं सिर पर पर्दा रखती, दिमाग पर नहीं

हिजाब विवाद के बीच ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि महिलाएं सिर पर पर्दा रखती हैं, दिमाग पर नहीं। उन्होंने आज राजस्थान में यह बयान दिया है। ओवैसी ने कहा, ''हिजाब मुसलमानों के लिए एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है। संस्कृति की अभिव्यक्ति है। अगर सरकारी स्कूल अन्य धार्मिक प्रतीकों की अनुमति दे रहे हैं, तो हिजाब को क्यों नहीं।

Vikrant Shekhawat : Sep 14, 2022, 02:27 PM
New Delhi : हिजाब विवाद के बीच ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि महिलाएं सिर पर पर्दा रखती हैं, दिमाग पर नहीं। उन्होंने आज राजस्थान में यह बयान दिया है। ओवैसी ने कहा, ''हिजाब मुसलमानों के लिए एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है। संस्कृति की अभिव्यक्ति है। अगर सरकारी स्कूल अन्य धार्मिक प्रतीकों की अनुमति दे रहे हैं, तो हिजाब को क्यों नहीं। यह महिलाओं का भी अधिकार है। महिला हिजाब अपने सिर पर रखती है, दिमाग पर नहीं।''

आपको बता दें कि कुछ महीनों पहले कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पहनी लड़कियों को कक्षा में जाने से रोक दिया गया था। इसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार तक इस मामले पर सुनवाई पूरी करने के लिए भी कहा है।

जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की पीठ ने सोमवार को वकीलों से कहा कि वह 16 सितंबर अपनी दलीलें पूरी कर लें। उसके बाद राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए दो दिन का समय दिया जाएगा। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद और एमएच मुच्छाला ने सोमवार को बहस की।

खुर्शीद ने कहा कि जो भी कुरान में लिखा गया है वह अनिवार्य है। खुर्शीद ने बुर्का, हिजाब और जिलबाब के चित्र दिखाकर उनका अंतर बताया। उन्होंने कहा कि संस्कृति महत्वपूर्ण है क्योंकि संस्कृति पहचान की ओर ले जाती है। ड्रेस कोड का मतलब यह नहीं है कि मैं इसके अलावा कुछ भी नहीं पहन सकता जो मेरी संस्कृति या धर्म के लिए महत्वपूर्ण हो।

वहीं, मुच्छाला ने कहा कि हिजाब पहनने के लिए छात्राओं को प्रवेश से वंचित करने का परिणाम उन्हें शिक्षा की पहुंच से वंचित करना है।