देश / खतरनाक आतंकी है असगर, 1999 हाइजैकिंग के अलावा इन मामलों में गुनाहगार

जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर और भारत के मोस्टवांटेड आतंकियों में एक अब्दुल रऊफ असगर का नाम एक बार फिर चर्चा में है। बीते बुधवार को संयुक्त राष्ट्र संघ में इस आतंकी को ब्लैकलिस्ट करने के लिए प्रस्ताव पेश हुआ लेकिन, चीन ने अड़ंगा डाला और प्रस्ताव पास नहीं हो पाया। हालांकि शनिवार को अपनी सफाई में ड्रैगन ने तकनीकी समस्याओं का हवाला दिया।

Vikrant Shekhawat : Aug 13, 2022, 11:34 PM
New Delhi : जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर और भारत के मोस्टवांटेड आतंकियों में एक अब्दुल रऊफ असगर का नाम एक बार फिर चर्चा में है। बीते बुधवार को संयुक्त राष्ट्र संघ में इस आतंकी को ब्लैकलिस्ट करने के लिए प्रस्ताव पेश हुआ लेकिन, चीन ने अड़ंगा डाला और प्रस्ताव पास नहीं हो पाया। हालांकि शनिवार को अपनी सफाई में ड्रैगन ने तकनीकी समस्याओं का हवाला दिया। असगर जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मसूद अजहर का छोटा भाई भी है जो इस वक्त पाकिस्तान में कहां है, उसका पता सिर्फ उसके हुक्मरानों को ही है। वह  1999 में इंडियन एयरलाइन्स 814 की हाईजैकिंग के अलावा कई मामलों में भारत का गुनाहगार है।

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर अब्दुल रऊफ असगर सिर्फ इंडियन एयरलाइंस के विमान (1999) के हाईजैकिंग में ही शामिल नहीं है। उस पर 2001 में भारतीय संसद पर हमले, भारतीय वायुसेना पर हमला, पठानकोट, पुलवामा और जम्मू के कई स्थानों में सुरक्षा बल के जवानों पर हमलों में शामिल होने का आरोप है।

इंडियन एयरलाइंस 814 की वो घटना

इंडियन एयरलाइंस के IC-814 विमान को 24 दिसंबर 1999 को नेपाल से अपहरण कर लिया गया था। इस विमान को अफगानिस्तान के कंधार में उतारने से पहले अमृतसर, लाहौर और दुबई लेकर जाया गया था। तब अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण था। तालिबान ने उस वक्त पाकिस्तानी आतंकवादियों की पूरी मदद की और सुरक्षा प्रदान किया। इस हाईजैकिंग में असगर का हाथ था। असगर ने 176 यात्रियों के साथ विमान का अपहरण अपने बड़े भाई मसूद अजहर को रिहा करने के लिए किया था।

भारतीय संसद पर हमला

13 दिसंबर 2001 को भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था। इस हमले का पूरा ताना बाना आतंकी संगठन के शीर्ष कमांडर असगर ने बुना था। इस हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे। जबकि सुरक्षाबलों ने पांचों आतंकियों को मार गिराया था। आतंकियों का मकसद संसद भवन के अंदर सांसदों को निशाना बनाना था लेकिन, वे उसमे कामयाब नहीं हो सके।

पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला

2 जनवरी साल 2016 को जैश-ए-मोहम्मद ने पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले को अंजाम दिया। अचानक हुए इस हमले में 7 जवान शहीद हुए थे। जबकि जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने पांचों आतंकियों को ढेर कर दिया था। आतंकी सेना की वर्दी में दाखिल हुए जिस कारण उनकी जल्दी पहचान नहीं हो पाई। इस हमले के पीछे मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर का दिमाग था।

पुलवामा अटैक

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। सीआरपीएफ जवानों को लेकर जा रहे बस पर विस्फोट हुआ और 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस संगठन का आका असगर इस हमले का साजिशकर्ता था। दरअसल, जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर हमलावरों ने विस्फोटक भरी कार से सीआरपीएफ काफिले की बस को टक्कर मार दी थी। धमाका इतना भयंकर था कि बस के परखच्चे उड़ गए थे।