Vikrant Shekhawat : Jun 10, 2021, 07:07 AM
नई दिल्ली: येस बैंक को 466 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उद्योगपति गौतम थापर समेत कुछ कंपनियों और अन्य लोगों पर विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. सीबीआई ने इस मामले में आज दिल्ली एनसीआर समेत लखनऊ कोलकाता में 14 जगहों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान सीबीआई को अनेक डिजिटल एविडेंस बरामद हुए हैं.सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक इस मामले को लेकर येस बैंक के विजिलेंस विभाग ने सीबीआई को शिकायत की थी. शिकायत में कहा गया था कि गुरुग्राम, दिल्ली स्थित निजी कंपनी ने 2017 में येस बैंक से 515 करोड़ रुपये की सावधि ऋण सुविधा प्राप्त की थी. आरोप के मुताबिक कंपनी ने जिस काम के लिए लोन लिया था कंपनी ने उसकी जगह दूसरा काम किया और साल 2017 से साल 2019 के बीच अनेकों फर्जी दस्तावेज बनाकर एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत बैंक लोन की राशि को इधर से उधर किया गया. जिसके चलते अक्टूबर 2019 में यह खाता एनपीए घोषित हो गया. इस धोखाधड़ी में कंपनी के निदेशकों समेत येस बैंक के कुछ अधिकारी और वह कंपनियां शामिल थी जिन्होंने येस बैंक से यह सुविधा प्राप्त की थी.बैंक को हुआ नुकसानकंपनियों के जरिए की गई इस धोखाधड़ी और जन धन का गबन करने के चलते येस बैंक को 466.51 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसके बाद इस कंपनी का बैंक खाता 6 मार्च 2020 को रेड फ्लैग अकाउंट घोषित कर दिया गया. सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें ओयस्टर बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्ट इंडिया प्लेस मेहरौली गुड़गांव रोड गुड़गांव और उसकी होल्डिंग कंपनी अवंथा रियालिटी लिमिटेड और उसके निदेशक रघुवीर कुमार शर्मा, राजेंद्र कुमार मंगल, तापसी महाजन और गौतम थापर समेत प्राइवेट कंपनी और बैंक के अज्ञात अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं.कई जगह ली तलाशीसीबीआई के मुताबिक इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद आज दिल्ली एनसीआर समेत लखनऊ सिकंदराबाद और कोलकाता में कुल 14 जगहों पर तलाशी ली गई. इन तलाशी के दौरान सीबीआई को अनेक ऐसे डिजिटल साक्ष्य मिले हैं जो इस घोटाले की जांच में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं. लिहाजा इन तमाम दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की जांच का काम जारी है. साथ ही इस मामले में जल्द ही कुछ गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं. ध्यान रहे कि येस बैंक में घोटालों की एफआईआर का सीबीआई में लगातार सिलसिला जारी है. सीबीआई ने इस मामले में पिछले साल भी येस बैंक के पूर्व चेयरमैन समेत अनेक लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था और अनेक गिरफ्तारियां भी की थी. मामले की जांच जारी है.