Vikrant Shekhawat : Feb 22, 2021, 02:40 PM
Baba Ramdev की पतंजलि आयुर्वेद एक बार फिर चर्चा में है। शुक्रवार 19 फरवरी को पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) ने कोरोना की दवा Coronil को लॉन्च किया था, बाबा रामदेव ने दवा के लॉन्च पर दावा किया था कि इसको भारत सरकार के साथ-साथ World Health Organisation (WHO) से भी क्लीयरेंस मिला है, लेकिन WHO का जवाब बाबा रामदेव को निराश कर सकता है। ऐसी किसी दवा को सर्टिफाई नहीं किया: WHO पतंजलि के दावों पर अब WHO ने कहा है कि उसने COVID-19 का इलाज करने वाली ऐसी किसी पारंपरिक दवा का न तो रीव्यू किया है और न ही सर्टिफाई किया है। WHO ने इस पर सफाई भी जारी की है। शुक्रवार को WHO ने एक TWEET के जरिए ये सफाई मांगी है, हालांकि WHO ने इसमें पतंजलि की Coronil का नाम नहीं लिया।बाबा रामदेव का दावा, WHO की मंजूरी मिली WHO की सफाई बाबा रामदेव के उस दावे के बाद आई है, जब उन्होंने कोरोनिल की दवा लॉन्च करते समय ये कहा कि इस दवा को भारत सरकार और WHO की मंजूरी मिली है। रामदेव ने ये भी दावा किया कि 'Coronil' इम्यूनिटी बढ़ाने और कोरोना को नियंत्रित करने में बहुत असरदार है।बाबा रामदेव ने शुक्रवार को ANI से कहा था कि 'वैज्ञानिक शोध साक्ष्यों को पूरा करने के बाद सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मापदंडों पर तैयार इस दवा को हरी झंडी दे दी है। देश और पूरी दुनिया इस पर सहमत है, WHO भी राजी है, और हम इसे दवा कोरोनिल को 150 देशों में वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ बेचने जा रहे हैं।' जबतक वैक्सीन नहीं, तबतक Coronilबाबा रामदेव ने कहा कि 'कोरोना की वैक्सीन मिलने में अभी वक्त है, जिन लोगों को अभी वैक्सीन नहीं मिल पा रही है, वो कोरोनिल ले सकते हैं, क्योंकि इससे अच्छा कुछ नहीं है। कोरोनिल Covid-19 के इलाज में कारगर है, ये कोरोना के बाद भी आने वाली परेशानियों में भी फायदेमंद है' आपको बता दें कि शुक्रवार को बाबा रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन और सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी कोरोनिल को लॉन्च किया था। इस दौरान रिसर्च पेपर भी जारी किया था। हालांकि रिसर्च पेपर लेकर और ज्यादा जानकारी नहीं दी गई। कई लोगों ने Coronil पर सवाल खड़े किए: बाबा रामदेव दवा के बारे में बताते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि सभी पैरामीटर्स का पालन किया गया है, बहुत से लोगों ने कोरोनिल पर सवाल खड़े किए, शक किया। रामदेव ने कहा कि कोरोनावायरस के खिलाफ कोरोनिल पर शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की कोशिशों से ही संभव हो सका। उन्होंने कहा कि कुछ दवा बिजनेस के लिए बनाते हैं, लेकिन हमने उपचार और उपकार के लिए बनाया है। मैं चाहता हूं कि एक दिन WHO का हेड ऑफिस भारत में हो।'