देश / येडियुरप्पा सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण

कर्नाटक की बीएस येडियुरप्पा सरकार राज्य में सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था करने जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार एक मसौदा तैयार करने जा रही है। इसमें सरकारी नौकरियों के अलावा निजी सेक्टर और प्राइवेट क्षेत्र में कर्नाटक के लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की जा रही है।

News18 : Feb 06, 2020, 06:20 PM
बेंगलुरु। कर्नाटक की बीएस येडियुरप्पा (BS Yediyurappa) सरकार राज्य में सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था करने जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार एक मसौदा तैयार करने जा रही है। इसमें सरकारी नौकरियों के अलावा निजी सेक्टर और प्राइवेट क्षेत्र में कर्नाटक (Karnataka) के लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण (75 percent Reservation)  की व्यवस्था की जा रही है। पिछले साल जुलाई में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) सरकार इस तरह का बिल ला चुकी है। ये आरक्षण फैक्ट्रियों, दुकानों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, एमएसएमई और संयुक्त उद्यम में स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार देगा।

श्रम मंत्री एस सुरेश कुमार ने कहा, हम इसके माध्यम से किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहते, लेकिन हम इसे स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए ला रहे हैं। उन्होंने कहा, स्थानीय कन्नड़ लोगों को लगता है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्हें राज्य में नौकरी नहीं मिल रही है। अन्य लोग आ रहे हैं और उनके अवसर कम हो रहे हैं। ये हमारे लिए एक गंभीर बात है। इसलिए हम सभी सेक्टर्स से बात कर रहे हैं। इसके लिए कानूनी राय भी ले रहे हैं। हम जल्द ही इसे पूरा कर लेंगे।

इन्हें माना जाएगा स्थानीय कन्नड़

विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर दी है कि कौन कन्नडिगा माना जाएगा। श्रम मंत्री ने कहा, जो पिछले 15 साल से कर्नाटक में रह रहा है, जो कन्नड़ भाषा लिख सकता है, पढ़ सकता है, उसे स्थानीय कन्नड़ माना जाएगा। मंत्री ने कहा, ये क्राइटेरिटया काफी होगा। जो यहां नौकरी चाहता है, उसे कन्नड़ को तो जानना पड़ेगा। अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के कानून को क्यों लाया जा रहा है। उन्होंने कहा, इससे कार्यस्थलों पर भाषा अवरोधों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।