Vikrant Shekhawat : Jul 02, 2021, 06:32 AM
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर मनमानी पर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने गुरुवार को आदेश दिया कि राजधानी के सभी निजी स्कूलों को अपनी फीस में 15% की कटौती करनी होगी। ये आदेश पिछले साल के शैक्षणिक सत्र यानी 2020-21 के लिए लागू होगा। सरकार के आदेश में ये भी कहा गया है कि अगर स्कूलों ने पैरेंट्स से ज्यादा फीस ली है, तो उन्हें पैसे लौटाने होंगे या फिर आने वाले साल में एडजस्ट करना होगा।
कोरोना महामारी के दौर में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार का ये फैसला पैरेंट्स के लिए राहत भरा है। गुरुवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि कोरोना के दौर में जब पैरेंट्स आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, ऐसे वक्त में फीस में 15% की कटौती उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी।उदाहरण के लिए, अगर 2020-21 में स्कूल की एक महीने की फीस 3 हजार रुपये रही है तो 15% कटौती के बाद स्कूल पैरेंट्स से 2,550 रुपये ही ले सकते हैं। सरकार ने ये आदेश भी दिया है कि अगर किसी स्कूल ने पैरेंट्स से ज्यादा फीस ली है तो स्कूलों को पैसे लौटाने होंगे या फिर आने वाले साल में एडजस्ट करना होगा। इसके अलावा स्कूल मैनेजमेंट पैरेंट्स की आर्थिक तंगी के कारण बकाया फीस का भुगतान न करने पर स्कूल की किसी भी गतिविधि में विद्यार्थियों को भाग लेने से नहीं रोकेगा। सरकार का ये आदेश उन सभी 460 निजी स्कूलों पर लागू होगा, जिन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी। बाकी सभी स्कूलों को फीस से जुड़े उसी आदेश का पालन करना होगा, जिसे दिल्ली सरकार ने 18 अप्रैल 2020 और 28 अप्रैल 2020 को जारी किया था।हाईकोर्ट ने 15% कटौती करने को कहा थादरअसल, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी कर दिल्ली के निजी स्कूलों को पैरेंट्स से वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) पहुंचा। हाईकोर्ट ने इस पर कहा प्राइवेट स्कूलों को 2020-21 में वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने की छूट दे दी थी। हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा था कि प्राइवेट स्कूल भले ही वार्षिक और विकास शुल्क वसूल सकते हैं, लेकिन उन्हें अपनी फीस में 15% की कटौती भी करनी होगी। कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी साफ किया था कि स्कूल मौजूदा शैक्षणिक सत्र (2021-22) में पूरी फीस लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
कोरोना महामारी के दौर में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार का ये फैसला पैरेंट्स के लिए राहत भरा है। गुरुवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि कोरोना के दौर में जब पैरेंट्स आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, ऐसे वक्त में फीस में 15% की कटौती उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी।उदाहरण के लिए, अगर 2020-21 में स्कूल की एक महीने की फीस 3 हजार रुपये रही है तो 15% कटौती के बाद स्कूल पैरेंट्स से 2,550 रुपये ही ले सकते हैं। सरकार ने ये आदेश भी दिया है कि अगर किसी स्कूल ने पैरेंट्स से ज्यादा फीस ली है तो स्कूलों को पैसे लौटाने होंगे या फिर आने वाले साल में एडजस्ट करना होगा। इसके अलावा स्कूल मैनेजमेंट पैरेंट्स की आर्थिक तंगी के कारण बकाया फीस का भुगतान न करने पर स्कूल की किसी भी गतिविधि में विद्यार्थियों को भाग लेने से नहीं रोकेगा। सरकार का ये आदेश उन सभी 460 निजी स्कूलों पर लागू होगा, जिन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी। बाकी सभी स्कूलों को फीस से जुड़े उसी आदेश का पालन करना होगा, जिसे दिल्ली सरकार ने 18 अप्रैल 2020 और 28 अप्रैल 2020 को जारी किया था।हाईकोर्ट ने 15% कटौती करने को कहा थादरअसल, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी कर दिल्ली के निजी स्कूलों को पैरेंट्स से वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) पहुंचा। हाईकोर्ट ने इस पर कहा प्राइवेट स्कूलों को 2020-21 में वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने की छूट दे दी थी। हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा था कि प्राइवेट स्कूल भले ही वार्षिक और विकास शुल्क वसूल सकते हैं, लेकिन उन्हें अपनी फीस में 15% की कटौती भी करनी होगी। कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी साफ किया था कि स्कूल मौजूदा शैक्षणिक सत्र (2021-22) में पूरी फीस लेने के लिए स्वतंत्र हैं।