Coronavirus / देश में कमी के बावजूद क्यों विदेश भेजी गई कोरोना वैक्सीन? बीजेपी ने दिया ये जवाब

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, 'एस्ट्राजेनेका का लाइंसेंस मिलने के बाद ही आज भारत में कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण हो रहा है. इसमें WHO कोवैक्स फैसिलिटी का भी बड़ा हाथ है. इस करार में तमाम देशों ने हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत 30 फीसदी एक्सपोर्ट वैक्सीन करना अनिवार्य है. अगर हम ये करार नहीं करते तो वैक्सीनेशन की सुविधा हमें भारत में नहीं मिलती.'

Vikrant Shekhawat : May 12, 2021, 03:41 PM
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ओर से केंद्र पर वैक्सीन की सप्लाई पर लगाए गए आरोपों के बाद अब बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सफाई दी है. पात्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है कि केंद्र ने मुफ्त में 6.5 करोड़ वैक्सीन की डोज दूसरे देशों में भेज दी.

संबित पात्रा ने कहा, '11 मई 2021 तक लगभग 6.63 करोड़ वैक्सीन के डोज हिंदुस्तान के बाहर भेजे गए थे. इसमें मात्र 1 करोड़ 7 लाख वैक्सीन मदद के रूप में भेजा गया है. बाकी 84 फीसदी वैक्सीन लायबेलिटी के रूप में भेजी गई है, जो आपको करना ही था चाहे किसी की भी सरकार होती.'

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आगे कहा, 'एस्ट्राजेनेका का लाइंसेंस मिलने के बाद ही आज भारत में कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण हो रहा है. इसमें WHO कोवैक्स फैसिलिटी का भी बड़ा हाथ है. इस करार में तमाम देशों ने हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत 30 फीसदी एक्सपोर्ट वैक्सीन करना अनिवार्य है. अगर हम ये करार नहीं करते तो वैक्सीनेशन की सुविधा हमें भारत में नहीं मिलती.'

"कोई भी घर में वैक्सीन नहीं बना सकता"

दिल्ली सरकार लगातार केंद्र से वैक्सीन का फॉर्मूला मांग रही है ताकि दूसरी कंपनियां भी उत्पादन कर सकें. इसपर संबित पात्रा ने कहा, 'ये कोई ऐसा फॉर्मूला नहीं है कि किसी को दे दिया और उसने घर में वैक्सीन बना ली. या कोई भी कंपनी अपने घर में वैक्सीन बना लें. इसके पीछे बहुत सारे विषय होते हैं. कोविशील्ड के पास भारत का लाइसेंस नहीं है, इसका लाइसेंस एस्ट्राजेनेका के पास है. एस्ट्राजेनेका ने सीरम इंस्टीट्यूट को वैक्सीन बनाने की अनुमति दी है. ये कंपनी आगे भारत में किसी और को फॉर्मूला नहीं दे सकती.'