दिल्ली विधानसभा / बजट सत्र आज से, उपराज्यपाल बैजल के अभिभाषण से होगी शुरुआत, बजट 26 को

दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र बुधवार से शुरू होने जा रहा है। उपराज्यपाल अनिल बैजल के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। 29 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र की शुरुआत में दिल्ली सरकार आर्थिक समीक्षा पेश करेगी। वहीं, 26 मार्च को बजट पेश किया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि कोविड काल में बेशक दिल्ली सरकार का राजस्व कम हुआ है, लेकिन आम लोगों की सहूलियत के लिए चल रही मुफ्त की योजनाएं जारी रहेंगी।

Vikrant Shekhawat : Mar 23, 2022, 09:48 AM
दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र बुधवार से शुरू होने जा रहा है। उपराज्यपाल अनिल बैजल के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। 29 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र की शुरुआत में दिल्ली सरकार आर्थिक समीक्षा पेश करेगी। वहीं, 26 मार्च को बजट पेश किया जाएगा। 

सूत्र बताते हैं कि कोविड काल में बेशक दिल्ली सरकार का राजस्व कम हुआ है, लेकिन आम लोगों की सहूलियत के लिए चल रही मुफ्त की योजनाएं जारी रहेंगी। वहीं, शिक्षा व स्वास्थ्य सेक्टर का आवंटन कम नहीं होगा। इसके साथ ई-वाहन नीति को भी रफ्तार देने की सरकार की कोशिश होगी। 

दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि कोविड की वजह से आई दिक्कतों का सामना करने के लिए सरकार का जोर आर्थिक सुधारों पर रहेगा। सरकार की कोशिश होगी कि अतिरिक्त आय का सृजन किया जा सके। सरकार अपने बजट का आकार पांच फीसदी बढ़ा सकती है। 

बीते साल यह आंकड़ा 69 हजार करोड़ रुपये का था। उधर, आय बढ़ाने की कोशिशों के बीच सरकार इस बात का भी खास ख्याल रखेगी कि पहले से चल रही योजनाओं पर कैंची न चले। सस्ती बिजली, मुफ्त पानी, महिलाओं को मुफ्त सफर, मुफ्त वाई-फाई की सुविधा पहले की तरह ही लोगों को मिलती रहे। सरकार सबसे ज्यादा खर्च इस बार भी शिक्षा क्षेत्र पर कर सकती है। 

वहीं, दूसरा नंबर स्वास्थ्य सेक्टर का रहेगा। दूसरी तरफ जीरो बेस्ड बजटिंग के सिद्धांत को भी सरकार आगे बढ़ाएगी। बीते दो वित्तीय वर्षों में इस दिशा में काम हुआ था। गौरतलब है कि बतौर वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया विधान सभा में आठवां बजट पेश करेंगे। इस बार का बजट तैयार करने के दौरान भी पहले की तरह आम लोगों से सुझाव मांगे थे। इस बार के बजट को स्वराज बजट कहा है। जबकि बीते साल का बजट देशभक्ति बजट कहा गया था। 

पिछला बजट

  • वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट एक नजर में 69,000 हजार करोड़ का बजट पेश किया गया था।
  • इसमें 37,800 करोड़ योजना मद में थे, जबकि 31,200 पूंजीगत परियोजनाओं खर्च होने थे।