Vikrant Shekhawat : Feb 28, 2024, 04:20 PM
Akhilesh Yadav News: केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को समन भेजा है. सपा प्रमुख को समन अवैध खनन मामले में भेजा गया है. बतौर गवाह अखिलेश को पेश होने के लिए कहा गया है. सीबीआई ने अखिलेश को कल यानी गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया है. नोटिस में कहा गया है कि जवाब देने के लिए अखिलेश यादव को सीबीआई के सामने उपस्थित होना होगा. समाजवादी पार्टी प्रमुख को जनवरी 2019 में दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर के संबंध में तलब किया गया है, जो 2012-2016 के बीच हमीरपुर में कथित अवैध खनन से संबंधित है. जनवरी 2019 में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट और अन्य सहित कई अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एफआईआर में आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों ने ही हमीरपुर में खनिजों का अवैध खनन होने दिया.29 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया
जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव को 29 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्हें इस मामले में बतौर गवाह के तौर पर पूछताछ में शामिल होने के लिए सीबीआई ने समन भेजा है। दरअसल, 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी जिसमें हमीरपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी समेत अन्य लोकसेवकों के खिलाफ अवैध खनन का आरोप लगाया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी।आरोप यह था कि 2012-2016 की अवधि के दौरान जिला हमीरपुर (यूपी) में लघु खनिजों के अवैध खनन की अनुमति दी गई। अवैध रूप से रेत के खनन के लिए नए पट्टे दिए, मौजूदा पट्टों का नवीनीकरण किया और मौजूदा पट्टा धारकों को बाधित अवधि की अनुमति दी और इस तरह सरकारी खजाने को गलत नुकसान पहुंचाया गया और आरोपियों ने अनुचित लाभ अर्जित किया। सीबीआई ने इस मामले में 15 जनवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, जालौन, नोएडा, कानपुर और लखनऊ जिलों और दिल्ली में 12 स्थानों पर तलाशी ली थी। तलाशी के दौरान अवैध रेत खनन से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री; भारी नकदी और सोना बरामद किया था।
जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव को 29 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्हें इस मामले में बतौर गवाह के तौर पर पूछताछ में शामिल होने के लिए सीबीआई ने समन भेजा है। दरअसल, 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी जिसमें हमीरपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी समेत अन्य लोकसेवकों के खिलाफ अवैध खनन का आरोप लगाया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी।आरोप यह था कि 2012-2016 की अवधि के दौरान जिला हमीरपुर (यूपी) में लघु खनिजों के अवैध खनन की अनुमति दी गई। अवैध रूप से रेत के खनन के लिए नए पट्टे दिए, मौजूदा पट्टों का नवीनीकरण किया और मौजूदा पट्टा धारकों को बाधित अवधि की अनुमति दी और इस तरह सरकारी खजाने को गलत नुकसान पहुंचाया गया और आरोपियों ने अनुचित लाभ अर्जित किया। सीबीआई ने इस मामले में 15 जनवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, जालौन, नोएडा, कानपुर और लखनऊ जिलों और दिल्ली में 12 स्थानों पर तलाशी ली थी। तलाशी के दौरान अवैध रेत खनन से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री; भारी नकदी और सोना बरामद किया था।