Vikrant Shekhawat : Apr 14, 2021, 04:02 PM
Delhi: कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बीच CBSE की परीक्षाओं को लेकर भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। CBSE 12वीं की परीक्षाओं को टाल दिया गया है, जबकि 10वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा मंत्री और मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें ये फैसला लिया गया है।
12वीं क्लास के लिए ये है फैसला।।आदेश के मुताबिक, 4 मई से 14 जून तक होने वाली 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। 1 जून को एक और बैठक होगी, जिसमें तब के हालात को देखते हुए फैसला लिया जाएगा। अगर परीक्षाएं होंगी तो 15 दिन पहले ही छात्रों को सूचित कर दिया जाएगा।
10वीं के पेपर्स पर ये हुआ निर्णय।।CBSE 10वीं के पेपर्स जो कि 4 मई से 14 जून तक होने थे, उन्हें पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। बोर्ड की ओर से छात्रों के परफॉर्मेंस के आधार पर नंबर्स दे दिए जाएंगे। अगर कोई छात्र या छात्रा अपने नंबर्स से खुश नहीं होगा, तो उसे बाद में एग्जाम देने का मौका मिलेगा।
पीएम ने लिया बड़ा फैसला, नेताओं का आया रिएक्शनसूत्रों की मानें, तो अधिकारियों की ओर से दसवीं और बारहवीं दोनों की परीक्षाओं को टालने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों को पहले ही कोविड से काफी नुकसान हुआ है, ऐसे में दसवीं को परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए। जबकि 12वीं की परीक्षाओं को टाला जाए।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर परीक्षाओं को टालने के फैसले का स्वागत किया है। इस फैसले पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार को दोनों ही परीक्षाओं को रद्द कर देना चाहिए था, लेकिन अभी जो फैसला लिया गया है वो मौजूदा हालात के हिसाब से बिल्कुल ठीक है।
मध्य प्रदेश में एक महीने के लिए टली परीक्षाएंकोरोना के प्रकोप के बीच बुधवार को ही मध्य प्रदेश में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को टालने का फैसला लिया गया है। एमपी स्कूल एजुकेशन विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षाओं को 1 महीने के लिए टाल दिया गया है।
परीक्षाएं रद्द करने की हो रही थी मांगआपको बता दें कि देश में लगातार तेजी से बढ़ रहे कोरोना संकट के बीच कई राज्य के मुख्यमंत्रियों, नेताओं ने परीक्षाओं को रद्द करने की अपील की थी। देश में करीब 30 लाख बच्चों को सीबीएसई की परीक्षाएं देनी हैं।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बीते दिन अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी मांग की थी। वहीं, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी भी परीक्षाएं रद्द करने की मांग कर चुके हैं।बता दें कि कोरोना काल के बीच बच्चों की अधिकतर पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से ही हुई थी, बीच में कोरोना के मामले घटने के बाद स्कूल खोले गए थे। लेकिन अब जब परीक्षा की बारी आई है, तब केस फिर से बढ़ने लगे हैं। कई राज्यों ने अपने यहां की बोर्ड परीक्षाओं को टाल दिया है। ऐसे में केंद्र पर CBSE की परीक्षाएं टालने का दबाव बन रहा था।
12वीं क्लास के लिए ये है फैसला।।आदेश के मुताबिक, 4 मई से 14 जून तक होने वाली 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। 1 जून को एक और बैठक होगी, जिसमें तब के हालात को देखते हुए फैसला लिया जाएगा। अगर परीक्षाएं होंगी तो 15 दिन पहले ही छात्रों को सूचित कर दिया जाएगा।
10वीं के पेपर्स पर ये हुआ निर्णय।।CBSE 10वीं के पेपर्स जो कि 4 मई से 14 जून तक होने थे, उन्हें पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। बोर्ड की ओर से छात्रों के परफॉर्मेंस के आधार पर नंबर्स दे दिए जाएंगे। अगर कोई छात्र या छात्रा अपने नंबर्स से खुश नहीं होगा, तो उसे बाद में एग्जाम देने का मौका मिलेगा।
पीएम ने लिया बड़ा फैसला, नेताओं का आया रिएक्शनसूत्रों की मानें, तो अधिकारियों की ओर से दसवीं और बारहवीं दोनों की परीक्षाओं को टालने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों को पहले ही कोविड से काफी नुकसान हुआ है, ऐसे में दसवीं को परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए। जबकि 12वीं की परीक्षाओं को टाला जाए।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर परीक्षाओं को टालने के फैसले का स्वागत किया है। इस फैसले पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार को दोनों ही परीक्षाओं को रद्द कर देना चाहिए था, लेकिन अभी जो फैसला लिया गया है वो मौजूदा हालात के हिसाब से बिल्कुल ठीक है।
मध्य प्रदेश में एक महीने के लिए टली परीक्षाएंकोरोना के प्रकोप के बीच बुधवार को ही मध्य प्रदेश में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को टालने का फैसला लिया गया है। एमपी स्कूल एजुकेशन विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षाओं को 1 महीने के लिए टाल दिया गया है।
परीक्षाएं रद्द करने की हो रही थी मांगआपको बता दें कि देश में लगातार तेजी से बढ़ रहे कोरोना संकट के बीच कई राज्य के मुख्यमंत्रियों, नेताओं ने परीक्षाओं को रद्द करने की अपील की थी। देश में करीब 30 लाख बच्चों को सीबीएसई की परीक्षाएं देनी हैं।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बीते दिन अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी मांग की थी। वहीं, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी भी परीक्षाएं रद्द करने की मांग कर चुके हैं।बता दें कि कोरोना काल के बीच बच्चों की अधिकतर पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से ही हुई थी, बीच में कोरोना के मामले घटने के बाद स्कूल खोले गए थे। लेकिन अब जब परीक्षा की बारी आई है, तब केस फिर से बढ़ने लगे हैं। कई राज्यों ने अपने यहां की बोर्ड परीक्षाओं को टाल दिया है। ऐसे में केंद्र पर CBSE की परीक्षाएं टालने का दबाव बन रहा था।