News18 : Aug 21, 2020, 07:25 AM
बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मिशन चंद्रयान-2 (CHANDRAYAN-2) ने चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा करते हुए एक साल पूरे कर लिए हैं। इसरो के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इसके सभी उपकरण वर्तमान में अच्छी तरह काम कर रहे हैं और अगले सात और वर्षों के संचालन के लिए चंद्रयान-2 में पर्याप्त ईंधन मौजूद है।
चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई 2019 को किया गया था और ठीक एक साल पहले 20 अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा, 'हालांकि, उतरने का प्रयास (रोवर ले जाने वाले लैंडर का) सफल नहीं हुआ था। वहीं, आठ वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित अंतरिक्षयान ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। अंतरिक्षयान ने चंद्रमा की कक्षा में करीब 4,400 परिक्रमा पूरी की हैं और इसके सभी उपकरण अच्छी तरह काम कर रहे हैं।'इसमें कहा गया, चंद्रयान-2 डिजाइन के अनुरूप काम कर रहा है और अहम वैज्ञानिक डेटा लगातार पृथ्वी पर भेज रहा है। चंद्रयान-2 से वैश्विक उपयोग के लिए वैज्ञानिक आंकड़ों को अक्टूबर 2020 से जारी करना शुरू किया जाएगा। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की जानकारी हासिल करने के लिए चंद्रयान-2 को 22 जुलाई, 2019 को प्रक्षेपित किया गया था। हालांकि इसके लैंडर विक्रम की सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी।
चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई 2019 को किया गया था और ठीक एक साल पहले 20 अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा, 'हालांकि, उतरने का प्रयास (रोवर ले जाने वाले लैंडर का) सफल नहीं हुआ था। वहीं, आठ वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित अंतरिक्षयान ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। अंतरिक्षयान ने चंद्रमा की कक्षा में करीब 4,400 परिक्रमा पूरी की हैं और इसके सभी उपकरण अच्छी तरह काम कर रहे हैं।'इसमें कहा गया, चंद्रयान-2 डिजाइन के अनुरूप काम कर रहा है और अहम वैज्ञानिक डेटा लगातार पृथ्वी पर भेज रहा है। चंद्रयान-2 से वैश्विक उपयोग के लिए वैज्ञानिक आंकड़ों को अक्टूबर 2020 से जारी करना शुरू किया जाएगा। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की जानकारी हासिल करने के लिए चंद्रयान-2 को 22 जुलाई, 2019 को प्रक्षेपित किया गया था। हालांकि इसके लैंडर विक्रम की सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी।