AMAR UJALA : Apr 07, 2020, 10:03 AM
केदारनाथ: कोरोना संकट के बीच चारधाम यात्रा को लेकर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं। मंदिरों के कपाट तो मुहूर्त के अनुसार तय तिथियों पर खोल दिए जाएंगे, लेकिन भगवान के दर्शनों के लिए भक्त कब उनके धाम पर पहुंचेंगे, अभी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार के सामने कोरोना महामारी से निपटने की चुनौती है। चारधाम यात्रा में यात्रियों के बारे में निर्णय केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत लिया जाएगा। पूरे प्रदेश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है।राज्य व जिलों की सीमाएं सील हैं। यात्रा कारोबार से जुड़े लोगों की निगाहें सरकार पर लगी हैं, लेकिन राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सीमाएं यात्रियों के लिए खोलने पर अभी संदेह है।
मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार सामाजिक दूरी को रामबाण मान रही है। ऐसे में यात्रियों के लिए सीमाएं खोले जाने से सरकार के लिए सामाजिक दूरी को बनाए रखना आसान नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि 26 व 27 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम और 29 व 30 अप्रैल को केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। देश दुनिया में इस चारधाम यात्रा का अपना महत्व है।
पिछले साल आए थे 42.56 लाख तीर्थयात्रीसाल 2019 में 42 लाख 56 हजार तीर्थयात्री चारधाम यात्रा के लिए आए थे। इसमें हेमकुंड साहिब और पिरान कलियर के यात्री भी शामिल थे। वर्ष 2013 में दैवीय आपदा के बाद से चारधाम यात्रा पूरी तरह से पटरी से उतर गई थी। उसके बाद राज्य सरकार के प्रयास और यात्रियों की अगाध आस्था के बल से चारधाम यात्रा ने अपनी पुरानी गति पकड़ी थी।18 फीसदी की दर से बढ़े हैं यात्री
एक अनुमान के अनुसार, प्रदेश में सालाना करीब 18 फीसदी की दर से यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन आशंका यह है कि कहीं समूचे विश्व के लिए चुनौती बनी कोरोना महामारी का संकट यात्रियों की वृद्धि दर पर ब्रेक न लगा दे।तीर्थ स्थल यात्रियों की संख्या
गंगोत्री 5,30,334यमुनोत्री 4,65,534केदारनाथ 10,00021बदरीनाथ 12,44,993हेमकुंड साहिब 2,40,133पिरान कलियर 7,75000कुल 42,56,015
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार के सामने कोरोना महामारी से निपटने की चुनौती है। चारधाम यात्रा में यात्रियों के बारे में निर्णय केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत लिया जाएगा। पूरे प्रदेश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है।राज्य व जिलों की सीमाएं सील हैं। यात्रा कारोबार से जुड़े लोगों की निगाहें सरकार पर लगी हैं, लेकिन राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सीमाएं यात्रियों के लिए खोलने पर अभी संदेह है।
मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार सामाजिक दूरी को रामबाण मान रही है। ऐसे में यात्रियों के लिए सीमाएं खोले जाने से सरकार के लिए सामाजिक दूरी को बनाए रखना आसान नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि 26 व 27 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम और 29 व 30 अप्रैल को केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। देश दुनिया में इस चारधाम यात्रा का अपना महत्व है।
पिछले साल आए थे 42.56 लाख तीर्थयात्रीसाल 2019 में 42 लाख 56 हजार तीर्थयात्री चारधाम यात्रा के लिए आए थे। इसमें हेमकुंड साहिब और पिरान कलियर के यात्री भी शामिल थे। वर्ष 2013 में दैवीय आपदा के बाद से चारधाम यात्रा पूरी तरह से पटरी से उतर गई थी। उसके बाद राज्य सरकार के प्रयास और यात्रियों की अगाध आस्था के बल से चारधाम यात्रा ने अपनी पुरानी गति पकड़ी थी।18 फीसदी की दर से बढ़े हैं यात्री
एक अनुमान के अनुसार, प्रदेश में सालाना करीब 18 फीसदी की दर से यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन आशंका यह है कि कहीं समूचे विश्व के लिए चुनौती बनी कोरोना महामारी का संकट यात्रियों की वृद्धि दर पर ब्रेक न लगा दे।तीर्थ स्थल यात्रियों की संख्या
गंगोत्री 5,30,334यमुनोत्री 4,65,534केदारनाथ 10,00021बदरीनाथ 12,44,993हेमकुंड साहिब 2,40,133पिरान कलियर 7,75000कुल 42,56,015