China Moon Mission / चीन लाया चांद की मिट्टी पृथ्वी पर, दुनियाभर के वैज्ञानिकों को बुलाया, पर अमेरिका...

चीन के चांग’ए 6 अंतरिक्ष यान हाल ही में चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र से चट्टान और मिट्टी को लेकर वापस पृथ्वी पर लौट आया है। चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र तक पहुंचने और वहां से मिट्टी व चट्टान के नमूने लाने का ये पहला अभियान था। आपको बता दें कि इससे पहले अगस्त 2023 में भारत का चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरा था। भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया था। अब चीन ने कहा है कि चांग ई-6 द्वारा जुटाये गये चंद्रमा के

Vikrant Shekhawat : Jun 27, 2024, 10:03 PM
China Moon Mission: चीन के चांग’ए 6 अंतरिक्ष यान हाल ही में चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र से चट्टान और मिट्टी को लेकर वापस पृथ्वी पर लौट आया है। चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र तक पहुंचने और वहां से मिट्टी व चट्टान के नमूने लाने का ये पहला अभियान था। आपको बता दें कि इससे पहले अगस्त 2023 में भारत का चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरा था। भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया था। अब चीन ने कहा है कि चांग ई-6 द्वारा जुटाये गये चंद्रमा के नमूनों के अध्ययन के लिए वह दुनियाभर के वैज्ञानिकों का स्वागत करता है। 

अमेरिका के साथ रिसर्च की सीमाएं- चीन

चीन अंतरिक्ष अधिकारियों ने कहा है कि चंद्रमा से लाए गए नमूनों के अध्ययन के लिए वे दुनियाभर के वैज्ञानिकों का स्वागत करते हैं लेकिन रिसर्च की इस प्रक्रिया में कुछ सीमाएं हैं, विशेषरूप से अमेरिका के साथ। चीनी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका के साथ कोई भी सहयोग इस पर निर्भर करेगा कि वह नासा के साथ प्रत्यक्ष द्विपक्षीय सहयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले अमेरिकी कानून को हटाए।

क्या है विवाद?

दरअसल, अमेरिका की ओर से साल 2011 में वुल्फ संशोधन प्रभाव में लाया गया था। आपको बता दें कि ये संशोधन मेरिका और चीन के बीच केवल उन्हीं द्विपक्षीय सहयोग को मंजूरी देता है जिसमें एफबीआई यह प्रमाणित कर सके कि कार्य के दौरान चीनी पक्ष के साथ सूचना साझा करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। 

चीन ने क्या कहा?

चीन ने कहा है कि अमेरिका और चीन के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र के सहयोग में बाधा की जड़ वुल्फ संशोधन में बरकरार है। अगर अमेरिका सच में नियमित अंतरिक्ष सहयोग शुरू करना चाहता है तोउसे इस बाधा को दूर करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। चीन ने कहा है कि वह सभी देशों के वैज्ञानिकों का रिसर्च में स्वागत करता है और उनके साथ जानकारियां साझा करेगा।