Zee News : Aug 01, 2020, 10:10 AM
वॉशिंगटन: चीन (China) को एक और बड़ा झटका लगा है। भारत के बाद अब अमेरिका (America) में भी TikTok पर प्रतिबंध (Ban) लग गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षा संबंधी खतरे को देखते हुए हम TikTok पर बैन लगाने जा रहे हैं।
एयर फोर्स वन (Air Force One) पर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘जहां तक टिकटॉक का सवाल है, तो हम इसे बैन कर रहे हैं’। भारत द्वारा की गई कार्रवाई के बाद से अमेरिका में चीनी ऐप पर बैन की मांग जोर पकड़ रही थी। कई सांसदों और एजेंसियों ने TikTok जासूसी और डेटा चोरी का आरोप लगाया था। जिसके बाद आखिरकार अब अमेरिका ने भी TikTok पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि हम मामले को देख रहे हैं। हम TikTok पर प्रतिबंध लगा सकते हैं, साथ ही हम कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया था कि वे कौन से विकल्पों की बात कर रहे हैं। वहीं, अमेरिका के दो प्रमुख अखबारों ने दावा किया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए TikTok की मूल कंपनी बाइटडांस से कहा है कि वो TikTok के अमेरिकी ऑपरेशंस को दे। मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि माइक्रोसॉफ्ट TikTok को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे चल रही है और दोनों कंपनियों में बातचीत भी शुरू हो गई है।TikTok ने बेचे जाने की खबरों पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। लेकिन न्यूज़ एजेंसी AFP के अनुसार, उसने इतना जरूर कहा है कि ‘हमें TikTok की दीर्घकालिक सफलता पर भरोसा है। लाखों लोग मनोरंजन और कनेक्शन के लिए TikTok पर आते हैं, जिसमें हमारे क्रिएटर और आर्टिस्ट का समुदाय शामिल है’। चौतरफा हो रहे हमलों के मद्देनजर TikTok यह साबित करने में जुट गई है कि वो चीन के लिए जासूसी नहीं करती। हाल ही में TikTok के सीईओ केविन मेयर ने कहा था कि TikTok पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा था, ‘हमारा कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। हम राजनीतिक विज्ञापन स्वीकार नहीं करते हैं और कोई एजेंडा नहीं है - हमारा एकमात्र उद्देश्य है सभी के आनंद के लिए एक जीवंत, गतिशील मंच प्रदान करना। आज TikTok सबसे निशाने पर है, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम किसी के दुश्मन नहीं हैं’।गौरतलब है कि लद्दाख हिंसा के बाद भारत ने कार्रवाई करते हुए TikTok सहित कई चीनी ऐप्स को बैन किया है। इसके बाद से अमेरिका में भी TikTok पर कार्रवाई करने की मांग जोर पकड़ती जा रही थी। अमेरिका टिकटॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, विदेश मंत्री माइक पोम्पियो कई नेता इस पर बैन की बात कर चुके थे।
एयर फोर्स वन (Air Force One) पर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘जहां तक टिकटॉक का सवाल है, तो हम इसे बैन कर रहे हैं’। भारत द्वारा की गई कार्रवाई के बाद से अमेरिका में चीनी ऐप पर बैन की मांग जोर पकड़ रही थी। कई सांसदों और एजेंसियों ने TikTok जासूसी और डेटा चोरी का आरोप लगाया था। जिसके बाद आखिरकार अब अमेरिका ने भी TikTok पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि हम मामले को देख रहे हैं। हम TikTok पर प्रतिबंध लगा सकते हैं, साथ ही हम कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया था कि वे कौन से विकल्पों की बात कर रहे हैं। वहीं, अमेरिका के दो प्रमुख अखबारों ने दावा किया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए TikTok की मूल कंपनी बाइटडांस से कहा है कि वो TikTok के अमेरिकी ऑपरेशंस को दे। मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि माइक्रोसॉफ्ट TikTok को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे चल रही है और दोनों कंपनियों में बातचीत भी शुरू हो गई है।TikTok ने बेचे जाने की खबरों पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। लेकिन न्यूज़ एजेंसी AFP के अनुसार, उसने इतना जरूर कहा है कि ‘हमें TikTok की दीर्घकालिक सफलता पर भरोसा है। लाखों लोग मनोरंजन और कनेक्शन के लिए TikTok पर आते हैं, जिसमें हमारे क्रिएटर और आर्टिस्ट का समुदाय शामिल है’। चौतरफा हो रहे हमलों के मद्देनजर TikTok यह साबित करने में जुट गई है कि वो चीन के लिए जासूसी नहीं करती। हाल ही में TikTok के सीईओ केविन मेयर ने कहा था कि TikTok पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा था, ‘हमारा कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। हम राजनीतिक विज्ञापन स्वीकार नहीं करते हैं और कोई एजेंडा नहीं है - हमारा एकमात्र उद्देश्य है सभी के आनंद के लिए एक जीवंत, गतिशील मंच प्रदान करना। आज TikTok सबसे निशाने पर है, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम किसी के दुश्मन नहीं हैं’।गौरतलब है कि लद्दाख हिंसा के बाद भारत ने कार्रवाई करते हुए TikTok सहित कई चीनी ऐप्स को बैन किया है। इसके बाद से अमेरिका में भी TikTok पर कार्रवाई करने की मांग जोर पकड़ती जा रही थी। अमेरिका टिकटॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, विदेश मंत्री माइक पोम्पियो कई नेता इस पर बैन की बात कर चुके थे।