India-China / भूटान की जमीन हड़पने के चक्कर में चीन, लेकिन दाल नहीं गलने दे रहा भारत

चीन की पड़ोसी देश भूटान पर नजर से भारत सरकार सतर्क है। चीन बार-बार कोशिश कर रहा है कि भूटान सीमा मुद्दों पर सीधे उससे बात करे और भारत को वह लूप से बाहर रखे। भूटान को बड़ा आर्थिक पैकेज देकर वह उसकी जमीन हड़पना चाहता है। चीन पिछले दिनों में भूटान की जमीन पर अपना दावा जता चुका है।

चीन की पड़ोसी देश भूटान पर नजर से भारत सरकार सतर्क है। चीन बार-बार कोशिश कर रहा है कि भूटान सीमा मुद्दों पर सीधे उससे बात करे और भारत को वह लूप से बाहर रखे। भूटान को बड़ा आर्थिक पैकेज देकर वह उसकी जमीन हड़पना चाहता है। चीन पिछले दिनों में भूटान की जमीन पर अपना दावा जता चुका है।

गौरतलब है कि चीन की नजर भारत के उन सभी पड़ोसियों पर है जिनसे भारत के अच्छे रिश्ते हैं। नेपाल में चीन का खेल पूरी तरह से चल रहा है, लेकिन भारत नेपाल के मामले में बहुत ही संयमित रुख के साथ अपनी रणनीति तय कर रहा है। श्रीलंका में भी चीन निवेश और कर्ज देकर भारत को पीछे छोड़ने की मुहिम में जुटा है।

चीन के मन मे कसक है कि भूटान एकमात्र देश है जहां उसकी दाल नहीं गल रही है। भारत भूटान से अपने रिश्तों को लगातार बेहतर करने में जुटा है। पिछले हफ्ते ही भारत और भूटान के बीच एक नया ट्रेड रूट खुला है। इसके बाद भारत सरकार भूटान के एक और स्थायी लैंड कस्टम स्टेशन खोलने का अनुरोध को भी स्वीकार कर सकती है। इससे भूटान को भारत और बांग्लादेश में अपना निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा भारत एक और इंटीग्रेटेड चेक पॉइंट खोलने पर भी विचार कर रहा है।

भूटान भारत का एकमात्र पड़ोसी है जिसने चीन का बेल्ट रोड इनिशेटिव यानी बीआरई का हिस्सा बनने से इनकार किया है। भारत सरकार को इस बात का अहसास है कि भूटान पर चीन लगातार दबाव बना रहा है। हाल ही में उसने भूटान के पश्चिम और अरुणाचल प्रदेश के करीब के इलाके पर अपना दावा पेश करके दबाव बनाने का प्रयास किया है।