देश / भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे चीन-पाकिस्तान? PoK में बांध बनाएगी चीनी कंपनी

चीन के अपने सभी पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद हैं, वो भी जमीन और समुद्र दोनों पर। उसके अंतिम छोर पर रहने वालों में से एक भारत है। जाहिर है चीन भारत की भी क्षेत्रीय अखंडता की परवाह नहीं करता है। पिछले दो दिनों में ही चीनी सैनिकों ने सिक्किम में सीमा पर भारतीय सैनिकों के साथ झड़पें कीं। इसके अलावा चीनी हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख में भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब उड़ान भरी।

Zee News : May 15, 2020, 08:56 AM
नई दिल्‍ली: चीन (China) के अपने सभी पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद हैं, वो भी जमीन और समुद्र दोनों पर। उसके अंतिम छोर पर रहने वालों में से एक भारत है। जाहिर है चीन भारत की भी क्षेत्रीय अखंडता की परवाह नहीं करता है। पिछले दो दिनों में ही चीनी सैनिकों ने सिक्किम में सीमा पर भारतीय सैनिकों के साथ झड़पें कीं। इसके अलावा चीनी हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख में भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब उड़ान भरी।

अब, चीन पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र पर एक बांध बना रहा है। इसके लिए एक चीनी कंपनी ने पाकिस्तान सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान में इस एक बांध का बनाने के लिए $ 5।8 बिलियन का सौदा हुआ है जो कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पड़ता है। तकनीकी रूप से यह भारतीय क्षेत्र है लेकिन भारत की तमाम आपत्तियों के बावजूद चीन पाकिस्तान के साथ व्यापार कर रहा है।

इस परियोजना को डायमर-भाषा बांध नाम दिया गया है। यह अनुबंध पावर चाइना के नेतृत्व में एक जॉइंट वेंचर के साथ हुआ है जो एक चीनी कंपनी है। इसका दूसरा साझीदार फ्रंटियर वर्क ऑर्गनाइजेशन है जो पाकिस्तान आर्मी की सहायक कंपनी है। एक तरह से यह चीन और पाकिस्तान आर्मी का जॉइंट वेंचर है। जाहिर है यह प्रोजेक्‍ट दोनों पक्षों के लिए फायदे वाली है। चीन को अधिक सौदें मिलते हैं और पाकिस्तान सेना अधिक पैसा कमाती है। 

मंगलवार को, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष गोतबाया राजपक्षे से बात की। जिनपिंग बीआरआई के प्रति सहयोग का "क्रमिक पुनरुत्थान" चाहते थे।

पाकिस्तान के अखबार डॉन ने बताया कि डायमर-भाषा बांध पर कुछ हफ़्ते में काम शुरू हो जाएगा, जो भारतीय क्षेत्र में बनने वाली बांध परियोजना है। बता दें कि 1949 से अब तक चीन 23 क्षेत्रीय विवादों में शामिल रहा है। जिनमें से अब केवल छह ही रह गए हैं जो बीजिंग के लिए क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों को चुभोने के लिए चीन के रणनीतिक उद्देश्य को पूरा करता है।

मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ सीमा की स्थिति पर जो बयान जारी किया था, उसकी भाषा दोस्ताना तो कतई नहीं थी।