बंगाल चुनाव 2021 / अपनी जान बचाने के लिए सीआईएसएफ के जवानों ने की थी फायरिंग: बंगाल की घटना पर ईसी

पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में शनिवार को मतदान के दौरान हुई फायरिंग की घटना पर चुनाव आयोग ने कहा है कि सीआईएसएफ के जवानों ने अपनी जान और सरकारी संपत्ति को बचाने के लिए फायरिंग की थी। आयोग ने बताया कि जवानों ने लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पहले हवा में भी फायरिंग की थी।

Vikrant Shekhawat : Apr 11, 2021, 09:37 AM
कूचबिहार: पश्चिम बंगाल में चौथे दौर के मतदान के बीच कूचबिहार के सितलकुची में बोलिंग बूथ पर 4 लोगों की मौत के बाद सियासत तेज हो गई है। इस बीच चुनाव आयोग और सीआईएसएफ ने बताया है कि आखिर क्यों जवानों को गोली चलानी पड़ी। इस बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी और गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए सीआईडी जांच की बात कही है।

सीआईएसएफ के प्रवक्ता ने कहा, ''जोरपाटकी के सितलकुची में बूथ नंबर 126 के बाहर भीड़ ने ड्यूटी दे रहे सीआईएसएफ जवानों पर हमला कर दिया और हथियार छीनने की कोशिश की। आत्मरक्षा और चुनाव अधिकारियों को बचाने के लिए पोलिंग स्टेशन पर तैनात जवानों ने 6-8 राउंड फायरिंग की।''

इस बीच, चुनाव आयोग ने भी बयान जारी करके बताया है कि इस तरह की नौबत इसलिए आई क्योंकि एक गलतफहमी की वजह से भीड़ ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया था। चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बूथ नंबर 126 पर वोटिंग शांतिपूर्वक चल रही थी। पोलिंग बूथ के पास मानिक मोहम्मद नाम का एक लड़का बीमार था और दो-तीन स्थानीय लोग उसकी देखभाल कर रहे थे।

जिला पुलिस की ओर मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि यह देखकर सीआईएसएफ के कुछ कर्मचारियों ने लड़के के स्वास्थ्य के बारे में पूछा। उन्होंने लोगों से यह भी पूछा कि क्या वे लड़के को अस्पताल भेजना पसंद करेंगे। बयान में आगे कहा गया है, ''इस बीच दूसरे स्थानीय लोगों ने यह समझ लिया कि लड़के को सीआईएसएफ के जवानों ने पीटा है। इस गलतफहमी में वहां मौजूद कुछ लोगों ने शोर मचाना शुरू किया। 300-350 लोग वहां एकत्रित हो गए। इनमें कुछ महिलाएं भी थीं, जो हाथ में ऐसे सामान लेकर आईं थीं, जिससे गंभीर चोटें पहुंचाईं जा सकती थीं।''