Live Hindustan : Nov 13, 2019, 02:56 PM
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के कार्यालय को सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के दायरे में लाने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय बुधवार को 3-2 से फैसला सुनाया। फैसले के अनुसार ऑफिस ऑफ सीजेआई आरटीआई के दायरे में आएगा।सीजेआई रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आज अपराह्न दो बजे फैसला सुनाया। पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना हैं। फैसला सुनाए जाने का नोटिस मंगलवार अपराह्न उच्चतम न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया था। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने उच्च न्यायालय और केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेशों के खिलाफ 2010 में शीर्ष अदालत के महासचिव और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी द्वारा दायर अपीलों पर गत चार अप्रैल को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।सीजेआई रंजन गोगोई ने पहले यह कहा था कि पारदर्शिता के नाम पर एक संस्था को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। नवंबर 2007 में आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने आरटीआई याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से जजों की संपत्ति के बारे में जानकारी मांगी थी जो उन्हें देने से इनकार कर दिया गया।