News18 : Apr 27, 2020, 09:40 AM
नई दिल्ली। भारत समेत दुनिया भर के तमाम देश इस वक्त चीन से फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) से जूझ रहे हैं। कोविड-19 से संक्रमण से मौत का आंकड़ा लगाता बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों में दहशत है। इन सबके बीच एक और खगोलीय घटना से लोग डरे हुए हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी कई खबरें चल रही हैं, जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि दुनिया में बहुत जल्द बड़ी तबाही आएगी और 29 अप्रैल तक दुनिया खत्म हो जाएगी। कई यूजर्स इन खबरों के कुछ वीडियो भी शेयर कर रहे हैं, लेकिन हम आपको बता दें कि आप किसी तरह की अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान दें। इन दावों में कोई सच्चाई नहीं है।
सोशल मीडिया पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के हवाले से एक बड़ा झूठ फैलाया जा रहा है। झूठे मैसेज में दावा है कि 29 अप्रैल को दुनिया खत्म हो जाएगी। समर्थन में कुछ फोटो और वीडियो भी फैलाए जा रहे हैं। एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें पृथ्वी के करीब आते हुए एक क्षुद्रग्रह दिखाई दे रहा है। इस वीडियो का कैप्शन दिया गया है कि दुनिया 29 अप्रैल को खत्म हो जाएगी।
क्यों किया जा रहा है दावा?
दरअसल, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में एक सूचना जारी की थी। इसके मुताबिक, 29 अप्रैल 2020 तक एक विशाल उल्का पिंड (asteroid) पृथ्वी से होकर गुजरेगा, जिसका आकार हिमालय के आकार का आधा होगा। हालांकि, अब कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे लेकर झूठे दावे कर रहे हैं और फेक न्यूज़ को बढ़ावा दे रहे हैं।क्या है हकीकत?
बेशक 29 अप्रैल को एक विशाल उल्का पिंड पृथ्वी से होकर गुजरेगा। नासा के मुताबिक करीब 2 हजार फुट क्षेत्रफल वाले 1998 OR2 नाम का उल्का पिंड भूमि से 1।8 मिलियन किलो मीटर की दूर चला जाएगा। पिछले 400 वर्षों में या आने वाले 500 वर्षों में भूमि के इतनी करीब आने वाले उल्का पिंड और कोई नहीं है। लेकिन इससे पृथ्वी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी। इससे डरने वाली कोई बात नहीं है। इसलिए नासा के हवाले से 29 अप्रैल को दुनिया के अंत का ऐलान करने वाले दावे झूठे हैं।यही नहीं नासा के Sentry Impact Risk Page पर भी इसका कोई जिक्र नहीं है। नासा का ये पेज पृथ्वी पर प्रभाव डालने वाली संभावित घटनाओं की निगरानी करता है। जितनी तेजी से इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है, सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलाना उतना ही आसान हो गया है। हमारे फैक्ट चेक में 29 अप्रैल को दुनिया खत्म होने की बात गलत साबित होती है।
बरतें सावधानी
सोशल मीडिया पर चल रहे इन खबरों का कोई सोर्स नहीं होता। इसलिए आपको भी सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर आपके पास कोई स्टोरी आती है, तो उसपर यकीन करने से पहले विचार करें कि इस खबर का सोर्स क्या है? इसे फॉरवर्ड क्यों किया जा रहा है। इसका असर क्या होगा? अगर संबंधित खबर से आप खुद ही तनाव महसूस करते हैं, तो उसे आगे फॉरवर्ड न करें और अपने तक की डिलीट कर दें।
सोशल मीडिया पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के हवाले से एक बड़ा झूठ फैलाया जा रहा है। झूठे मैसेज में दावा है कि 29 अप्रैल को दुनिया खत्म हो जाएगी। समर्थन में कुछ फोटो और वीडियो भी फैलाए जा रहे हैं। एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें पृथ्वी के करीब आते हुए एक क्षुद्रग्रह दिखाई दे रहा है। इस वीडियो का कैप्शन दिया गया है कि दुनिया 29 अप्रैल को खत्म हो जाएगी।
क्यों किया जा रहा है दावा?
दरअसल, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में एक सूचना जारी की थी। इसके मुताबिक, 29 अप्रैल 2020 तक एक विशाल उल्का पिंड (asteroid) पृथ्वी से होकर गुजरेगा, जिसका आकार हिमालय के आकार का आधा होगा। हालांकि, अब कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे लेकर झूठे दावे कर रहे हैं और फेक न्यूज़ को बढ़ावा दे रहे हैं।क्या है हकीकत?
बेशक 29 अप्रैल को एक विशाल उल्का पिंड पृथ्वी से होकर गुजरेगा। नासा के मुताबिक करीब 2 हजार फुट क्षेत्रफल वाले 1998 OR2 नाम का उल्का पिंड भूमि से 1।8 मिलियन किलो मीटर की दूर चला जाएगा। पिछले 400 वर्षों में या आने वाले 500 वर्षों में भूमि के इतनी करीब आने वाले उल्का पिंड और कोई नहीं है। लेकिन इससे पृथ्वी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी। इससे डरने वाली कोई बात नहीं है। इसलिए नासा के हवाले से 29 अप्रैल को दुनिया के अंत का ऐलान करने वाले दावे झूठे हैं।यही नहीं नासा के Sentry Impact Risk Page पर भी इसका कोई जिक्र नहीं है। नासा का ये पेज पृथ्वी पर प्रभाव डालने वाली संभावित घटनाओं की निगरानी करता है। जितनी तेजी से इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है, सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलाना उतना ही आसान हो गया है। हमारे फैक्ट चेक में 29 अप्रैल को दुनिया खत्म होने की बात गलत साबित होती है।
बरतें सावधानी
सोशल मीडिया पर चल रहे इन खबरों का कोई सोर्स नहीं होता। इसलिए आपको भी सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर आपके पास कोई स्टोरी आती है, तो उसपर यकीन करने से पहले विचार करें कि इस खबर का सोर्स क्या है? इसे फॉरवर्ड क्यों किया जा रहा है। इसका असर क्या होगा? अगर संबंधित खबर से आप खुद ही तनाव महसूस करते हैं, तो उसे आगे फॉरवर्ड न करें और अपने तक की डिलीट कर दें।