देश / केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनभोगियों का डीए 17% से बढ़ाकर किया गया 28%

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों की महंगाई राहत (डीआर) को 17% से बढ़ाकर 28% किया गया है। उन्होंने कहा, "इसे 1 जुलाई 2021 से लागू किया जाएगा।" उन्होंने आगे कहा, "इस फैसले से 48.34 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65.26 लाख पेंशनभोगियों को सीधे लाभ मिलेगा।"

Vikrant Shekhawat : Jul 14, 2021, 06:42 PM
नई दिल्ली: लंबे इंतजार के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के अतिरिक्त मंहगाई भत्ते पर लगी रोक को हटा लिया गया है। इसके साथ ही जुलाई से कर्मचारियों को 28 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता दिए जाने का ऐलान किया गया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने बीते साल के मार्च महीने में महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) को 17 फीसदी से बढ़ाकर 21 फीसदी करने का ऐलान किया था।

हालांकि, कोरोना की वजह से अतिरिक्त 4 फीसदी के महंगाई भत्ते को रोक दिया गया। ये रोक जून 2021 तक के लिए लागू कर दी गई। अब सरकार ने कर्मचारियों को राहत देते हुए ये रोक हटा दी है। जानकारी के मुताबिक सरकार ने कर्मचारियों को तीन किश्तों को मिलाकर 11% महंगाई भत्ता देने का फैसला लिया है। यह फैसला आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।

कब की कितनी किश्त: बीते बजट सत्र में वित्त राज्यमंत्री के तौर पर अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में लिखित में महंगाई भत्ते के बारे में विस्तार से बताया था। अनुराग ठाकुर के मुताबिक 1 जुलाई से महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी हो जाएगा। इसमें जनवरी-जून 2020 के लिए 3 फीसदी महंगाई भत्ता, जुलाई-दिसंबर 2020 के लिए 4 फीसदी भत्ता और जनवरी-जून 2021 के लिए 4 फीसदी भत्ता शामिल है, जो मिलाकर 11 फीसदी होता है।

इसके अलावा अनुराग ठाकुर ने ये भी कहा था कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 1 जुलाई 2021 से फुल DA और DR का लाभ मिलेगा। मतलब ये कि अब कर्मचारियों को जुलाई से 28 फीसदी की दर से रकम दी जाएगी। आपको बता दें कि महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की रकम छमाही आधार पर दी जाती है। हर साल दो बार भत्ते की किस्त मिलती है। 

लाखों कर्मचारियों को मिलेगी राहत: इस फैसले से 48 लाख 34 हजार केंद्रीय कर्मचारियों को और 65 लाख 26 हजार पेंशनर्स को लाभ मिलेगा। वहीं, इस कदम से सरकार पर 34,400 करोड़ का बोझ पड़ने का अनुमान है। बहरहाल, ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब देश में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस से लेकर घरेलू खाने-पीने के सामान तक महंगे हो गए हैं।