Vikrant Shekhawat : Oct 11, 2021, 09:45 AM
नई दिल्ली. देश की राष्ट्रीय राजधानी में कोयले (Coal) की कमी को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार एक बार फिर से आमने- सामने आ गई है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने रविवार को कहा कि अगर बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी बनी रही तो दिल्ली में बिजली कटौती हो सकती है. इसके लिए आम लोगों को तैयार रहना चाहिए. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीते अप्रैल महीने में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान केंद्र सरकार (Central Government) ने ऑक्सीजन की कमी को भी नकारा था. साथ ही मनीष सिसोदिया ने कहा कि यदि 24 घंटे में कोयले का स्टॉक नहीं भरा तो हमें दिल्ली में बिजली कटौती की योजना बनाने पर विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि कई बिजली संयंत्रों में कोयले का बड़ा संकट है.डिप्टी सीएम ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कोयले की कमी को खारिज कर दिया है. साथ ही उन्होंने इस मामले के संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए पत्र की आलोचना भी की है. सिसोदिया ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में ये बाते कहीं. दरअसल, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने ऊर्जा मंत्रालय, बीएसइएस और टाटा पावर के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली संकट को बेवजह प्रचारित किया गया. हमारे पास पर्याप्त भंडार हैं. दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी.अब तक कोई समाधान नहीं निकाला जा सका हैसाथ ही मनीष सिसोदिया ने हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी से देश संभल नहीं रहा है और वह जिम्मेदारियों से भाग रही है. सिसोदिया ने कहा कि इसी तरह कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्यों ने केंद्र सरकार को ऑक्सीजन संकट के खिलाफ चेतावनी दी थी और केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों से किनारा कर लिया था. उन्होंने कहा कि अब कोयले की कमी का मुद्दा बिजली संकट की स्थिति पैदा कर सकता है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह जो पावर क्राइसिस है, उससे देश अंधेरे में जा सकता है. पंजाब, यूपी, राजस्थान और दिल्ली की सरकारों ने केंद्र सरकार से मांगी है, लेकिन उसकी ओर से अब तक कोई समाधान नहीं निकाला जा सका है.