News18 : Aug 17, 2020, 08:36 AM
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के रियासी जिले में त्रिकुटा पर्वतों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर (Shri Mata Vaishno Devi Yatra) के कपाट श्रद्धालु के लिए फिर से खोल दिए गए हैं। कोरोना वायरस के कारण करीब पांच महीने तक बंद रहने के बाद माता के मंदिर समेत अन्य धार्मिक स्थलों को रविवार सुबह भक्तों के लिए खोल दिया गया है। लेकिन अभी कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए वहां काफी कुछ बदल गया है। मसलन पहले की तरह गुफा के अंदर पंडित जी अब भक्तों को टीका नहीं लगा रहे हैं। साथ ही भक्तों के लिए खुलने वाली दुकानें भी अभी बंद हैं।
देर तक मिल रहे दर्शनवैष्णो देवी पहुंचे भक्तों के अनुसार गुफा के अंदर पहले पंडित जी बैठते थे और भक्तों को टीका लगाकर व पिंडी रूपों के दर्शन कराकर विदा करते थे। लेकिन अब पंडित जी वहां टीका नहीं लगा रहे हैं। भक्त भी कम हैं। ऐसे में गुफा में पहुंचे भक्तों को कुछ मिनट माता के दर्शन करने को मिल रहे हैं। पहले यह समय 5-10 सेकंड होता था। कोरोना को देखते हुए पंडित जी की ओर से भक्तों को प्रसाद भी नहीं दिया जा रहा है।
घोड़ा-खच्चर अभी बंदइस समय कोरोना के खतरे के कारण मंदिर परिसर में मौजूद सभी प्रसाद की दुकानें भी बंद हैं। मंदिर में सफाई का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। लंगर चालू हो गए हैं। उनमें सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है। मंदिर में दर्शन के लिए आवाजाही के लिए घोड़ा-खच्चर और पिट्ठू की सेवाएं भी अभी बंद हैं। हेलीकॉप्टर सेवा शुरू है।
18 मार्च के बाद अब खुली है यात्राश्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार के अनुसार कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 18 मार्च को एहतियाती तौर पर वैष्णो देवी यात्रा रोक दी गई थी। अब जब प्रशासन ने धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का फैसला किया है तो बोर्ड ने इस भयावह संक्रामक रोग की चुनौती को देखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। ये हैं नए नियमपहले हफ्ते में प्रतिदिन 2,000 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर सकेंगे, जिनमें से 1,900 जम्मू-कश्मीर से होंगे और बाकी के 100 लोग अन्य प्रदेशों से होंगे। रेड जोन और जम्मू-कश्मीर के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 जांच करवानी होगी, जिनकी रिपोर्ट में संक्रमणमुक्त होने की पुष्टि होगी वे ही आगे जा सकेंगे साथ ही वैष्णो देवी की यात्रा करने के इच्छुक लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
देर तक मिल रहे दर्शनवैष्णो देवी पहुंचे भक्तों के अनुसार गुफा के अंदर पहले पंडित जी बैठते थे और भक्तों को टीका लगाकर व पिंडी रूपों के दर्शन कराकर विदा करते थे। लेकिन अब पंडित जी वहां टीका नहीं लगा रहे हैं। भक्त भी कम हैं। ऐसे में गुफा में पहुंचे भक्तों को कुछ मिनट माता के दर्शन करने को मिल रहे हैं। पहले यह समय 5-10 सेकंड होता था। कोरोना को देखते हुए पंडित जी की ओर से भक्तों को प्रसाद भी नहीं दिया जा रहा है।
घोड़ा-खच्चर अभी बंदइस समय कोरोना के खतरे के कारण मंदिर परिसर में मौजूद सभी प्रसाद की दुकानें भी बंद हैं। मंदिर में सफाई का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। लंगर चालू हो गए हैं। उनमें सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है। मंदिर में दर्शन के लिए आवाजाही के लिए घोड़ा-खच्चर और पिट्ठू की सेवाएं भी अभी बंद हैं। हेलीकॉप्टर सेवा शुरू है।
18 मार्च के बाद अब खुली है यात्राश्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार के अनुसार कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 18 मार्च को एहतियाती तौर पर वैष्णो देवी यात्रा रोक दी गई थी। अब जब प्रशासन ने धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का फैसला किया है तो बोर्ड ने इस भयावह संक्रामक रोग की चुनौती को देखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। ये हैं नए नियमपहले हफ्ते में प्रतिदिन 2,000 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर सकेंगे, जिनमें से 1,900 जम्मू-कश्मीर से होंगे और बाकी के 100 लोग अन्य प्रदेशों से होंगे। रेड जोन और जम्मू-कश्मीर के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 जांच करवानी होगी, जिनकी रिपोर्ट में संक्रमणमुक्त होने की पुष्टि होगी वे ही आगे जा सकेंगे साथ ही वैष्णो देवी की यात्रा करने के इच्छुक लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।