Vikrant Shekhawat : Jan 19, 2022, 10:07 PM
प्रदेश में कोरोना के हालात को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिपरिषद की रिव्यू बैठक खत्म हो गई। इसमें कोरोना कोर ग्रुप से जुड़े एक्सपट्र्स ने प्रजेंटेशन दिया। मौजूदा हालातों पर मंथन के बाद सीएम अब एक बार फिर गाइडलाइन की समीक्षा करेंगे। गृह विभाग संशोधित कर नया ड्राफ्ट सीएम की मंजूरी के लिए रखेगा। इसके बाद एक दो दिन में नई गाइडलाइन जारी हो सकती है।वहीं, एक्सपट्र्स ने बैठक के दौरान रेड जोन वाले इलाकों पर फोकस करते हुए गाइडलाइन की सख्ती से पालना की सलाह दी। कहा कि ओमिक्रॉन से अभी मौतें भले कम हो रही हैं, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। आईसीएमआर की गाइडलाइन की सख्ती से पालन करने पर जोर देना होगा। बैठक की शुरुआत में सीएम ने कहा कि ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए सरकार ने कई पाबंदियां लगाई हैं। स्थानीय स्तर पर संबंधित विभाग समन्वय से काम करके गाइडलाइन का पालन करवाएं।गहलोत बोले- ओमिक्रॉन के पोस्ट कोविड रिजल्ट पर स्टडी करेंबैठक में गहलोत ने कहा कि अभी तक किसी को यह पता नहीं है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद पोस्ट कोविड इफेक्ट क्या हो सकते हैं। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट में संक्रमित होने वालों को कई तरह के पोस्ट कोविड समस्याओं का सामना करना पड़ा। अभी तक किसी को ओमिक्रॉन के बाद के रिजल्ट के बारे में पता नहीं है। इसके रिजल्ट की स्टडी होना बहुत जरूरी है।कुछ एक्सपर्ट्स ने डब्ल्यूएचओ का हवाला देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन से डरने की जरूरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इसमें पाबंदियों से रिलेक्सेशन दिया जा सकता है। एक्सपर्ट की इस राय के बाद सीएम ने स्टडी करने के बाद ही फैसला करने की बात कही।एक्सपट्र्स बोले- भीड़भाड़ पर कंट्रोल करें, सख्ती जरूरीरिव्यू बैठक के दौरान एक्सपट्र्स ने सुझाव दिया कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। भीड़भाड़ में संक्रमण तेजी से फैलता है,इसका ध्यान रखना जरूरी है। जहां भी लापवाही होती है, वहीं संक्रमण बढ़ता है।ज्यादा पॉजिटिविटी रेट पर चिंतामीटिंग में एक्सपर्ट्स ने राजस्थान के 15 जिलों में पॉजीटिविटी रेट 15 से 20 फीसदी के आसपास होने को गंभीर मामला बताया। बढ़ते पॉजिटिव केस को देखते हुए कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर पर जोर देने को कहा है। एक्सपर्ट ने वैक्सीनेशन पर फोकस करने को कहा है।जिनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाने की सलाहएक्सपर्ट ने कोरोना के नए वैरिएंट पर नजर रखने के लिए जिनोम सिक्वेंसिंग पर जोर देने की सलाह दी गई है। एसएमएस में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा है। संभाग मुख्यालयों पर भी जिनोम सिक्वेंसिंग लैब लगाने के साथ जयपुर में भी क्षमता बढ़ाने की राय दी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए वैरिएंट पर नजर रखने के लिए जिनोम सिक्वेंसिंग नियमित रूप से जरूरी है।10% से ज्यादा संक्रमण दर पर कंटेनमेंट जोन बनाएंइंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार 10 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है, उन इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाकर पाबंदियां लगाना जरूरी है। राजस्थान में ज्यादातर इलाकों में अभी उस स्तर की सख्ती नहीं की गई है।रेड जोन में कलेक्टर भी लगा सकते हैं पाबंदीशहरों में 1 लाख जनसंख्या पर 100 एक्टिव केस हैं, उन्हें रेड जोन में रखा गया है। रेड जोन वाले इलाकों में कलेक्टर स्थानीय स्तर पर पाबंदियां लगा सकते हैं। इनमें मिनी लाॅकडाउन से लेकर कंटेनमेंट जोन बनाने जैसी पाबंदियां शामिल हैं। अभी तक कलेक्टर ने सख्ती नहीं की है।