बिज़नेस / 3 महीने पहले हुआ था बच्चा, मैटरनिटी लीव पर फेसबुक ने भेजा छंटनी लेटर

फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की गई है। मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को एक झटके में ही 11000 से अधिक कर्मचारियों को निकालने का फरमान जारी कर दिया। मेटा में जिन कर्मचारियों की छंटनी की गई है, उनमें भारतीय मूल की एक ऐसी महिला भी शामिल हैं, जो इस वक्त मैटेरनिटी लीव पर चल रही थीं।

Vikrant Shekhawat : Nov 10, 2022, 09:50 PM
Facebook (Meta) LayOff: फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा  (Meta) में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की गई है। मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को एक झटके में ही 11000 से अधिक कर्मचारियों को निकालने का फरमान जारी कर दिया। मेटा में जिन कर्मचारियों की छंटनी की गई है, उनमें भारतीय मूल की एक ऐसी महिला भी शामिल हैं, जो इस वक्त मैटेरनिटी लीव पर चल रही थीं। इस महिला का नाम एनेका पटेल (Anneka Patel) है और यह कंपनी में कम्युनिकेशन मैनेजर के पोस्ट पर थीं। फेसबुक ने एनेका पटेल को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। 

महिला ने लिखा भावुक पोस्ट

महिला ने लिखा, "मैं अपनी तीन महीने की बेटी एमिलिया को रात 3 बजे फीड करने के लिए उठी थी। थोड़ी देर बाद मैंने अपना ईमेल चेक किया, क्योंकि मैं मेटा में छंटनी की खबर से वाकिफ थी। तब मैंने देखा कि मेरे ईमेल पर भी छंटनी का लेटर आया है। मेरे होश उड़ गए, मैं बिल्कुल टूट गई।" एनेका ने कहा कि मां बनने के बाद के शुरुआती कुछ महीने वैसे भी चुनौतीपूर्ण होते हैं अब उनके सामने एक और चुनौती है। बता दें कि एनेका पटेल का मैटरनिटी लीव फरवरी 2023 में समाप्त हो रहा था, लेकिन फेसबुक ने उससे पहले ही बाहर कर दिया। एनेका ने अपने लिंक्डइन पोस्ट के जरिए ये बातें बताई हैं। 

उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि फिलहाल वे पूरा ध्यान अपनी तीन महीने की बेटी एमीलिया पर लगाएंगी और नए साले में फिर नया काम शुरू करेंगी। बता दें कि एनेका की तरह की कई कर्मचारियों ने अपनी दुख भरी दास्तां सुनाई है। इनमें एक भारतीय युवा हिमांशु वी भी शामिल हैं।

ज्वाइनिंग के दो दिन बाद ही हुए बाहर

हिमांशु ने लिंक्डइन पर अपना दुख शेयर करते हुए लिखा है कि उनके साथ जो हुआ उससे वो बहुत परेशान हैं। हिमांशु ने बताया है कि वो मेटा को ज्वाइन करने के लिए कनाडा जाकर ऑफिस ज्वाइन किया। ऑफिस ज्वाइन करने के दो दिन बाद ही कंपनी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया और इस तरह उनकी छोटी सी यात्रा समाप्त हो गई।  

हिमांशु ने आगे लिखा, 'मैं उन सभी लोगों के साथ हूं जो अभी एक कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। अब मेरा क्या होगा? ईमानदारी से कहूं, तो मेरे पास कोई आइडिया नहीं हैं। अब आगे क्या होगा उसका मैं इंतजार कर रहा हूं। अगर आपको कनाडा या भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए किसी हायरिंग या पोस्ट के बारे में मिलती है तो कृपया मुझे बताएं।'