Facebook Layoff / फिर एक बार Facebook ने 10,000 कर्मचारियों को निकाला

फेसबुक की पैरेंट कंपनी ने मेटा ने 10,000 लोगों को नौकरी से निकालने का फैसला लिया है। साथ ही 5000 नए लोगों को हायर करने पर रोक लगा दी है। कंपनी के ऐसा करने के पीछे का कारण मेटा को हो रहे लगातार नुकसान बताया जा रहा है। कंपनी की कोशिश लागत कम करने की है। मेटा ने अनुमान लगाया है कि पूरे वर्ष 2023 का कुल खर्च 86 बिलियन डॉलर से 92 बिलियन डॉलर की सीमा में होगा। कंपनी की कोशिश खर्च 3-5 बिलियन डॉलर कम करने की है।

Vikrant Shekhawat : Mar 14, 2023, 08:28 PM
Facebook Layoff: फेसबुक की पैरेंट कंपनी ने मेटा ने 10,000 लोगों को नौकरी से निकालने का फैसला लिया है। साथ ही 5000 नए लोगों को हायर करने पर रोक लगा दी है। कंपनी के ऐसा करने के पीछे का कारण मेटा को हो रहे लगातार नुकसान बताया जा रहा है। कंपनी की कोशिश लागत कम करने की है। मेटा ने अनुमान लगाया है कि पूरे वर्ष 2023 का कुल खर्च 86 बिलियन डॉलर से 92 बिलियन डॉलर की सीमा में होगा। कंपनी की कोशिश खर्च 3-5 बिलियन डॉलर कम करने की है। साथ ही कंपनी आगे आने वाली वैकेंसी को भी बंद करने की तैयारी में है।

कंपनी ने कहा है कि हम अप्रैल के अंत में अपने टेक डिपार्टमेंट में पुनर्गठन और छंटनी की घोषणा करने की उम्मीद करते हैं। इसमें मई तक का समय लग सकता है। टेक इंडस्ट्री ने 2022 की शुरुआत के बाद से 280,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से अब तक निकाल दिया है, जिनमें से लगभग 40% संख्या अकेले जनवरी और फरवरी महीने की है। बता दें कि मंगलवार को कारोबार खुलने के बाद मेटा के शेयर 6% ऊपर चढ़े थे। एग्जीक्यूटिव आउटप्लेसमेंट फर्म चैलेंजर ग्रे एंड क्रिसमस के मुताबिक, टेक इंडस्ट्री ने कुल 63,216 कटौती की है, जो पिछले साल इसी अवधि में घोषित 187 कटौती से 33,705 प्रतिशत अधिक है। इस क्षेत्र ने 2023 में सभी नौकरियों में 35 प्रतिशत कटौती की घोषणा की है।

ये है जनवरी और फरवरी में हुई छंटनी का आंकड़ा

अमेरिका में कंपनियों ने जनवरी में 1,02,943 की तुलना में फरवरी में 77,770 नौकरियों में कटौती की, जबकि आईटी कंपनियां लगातार छंटनी की दौड़ में सबसे आगे हैं, आईटी कंपनियों में पिछले महीने 21,387 नौकरियों की कटौती की गई, जो कुल कटौती का 28 प्रतिशत है। इसका असर अब धीरे-धीरे बाजार पर भी देखा जाने लगा है। पिछले हफ्ते सिलकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने के बाद दुनियाभर के बाजार में गिरावट आई है। भारतीय बाजार में भी जबरदस्त नुकसान देखने को मिला है।