Vikrant Shekhawat : Jun 04, 2021, 07:10 AM
आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। कृष्णा जिले के क्रिश्चियनपेट इलाके की कोरोना संक्रमित महिला का उसके घरवालों ने 15 दिन पहले अंतिम संस्कार कर दिया। घटना के बाद महिला अचानक से घर वापस लौट आई हैं। महिला के आने से जहां घर में खुशियां लौट आईं हैं, वहीं अस्पतालों की ओर से बड़ी लापरवाही भी सामने आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले के क्रिश्चियनपेट इलाके की रहने वाली मुत्याला गिरिजम्मा (75) कोरोना पॉजिटिव हो गईं थीं। इस पर 12 मई को उन्हें विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घरवाले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद लौट आए। इसके बाद जब घरवाले 15 मई को महिला का हालचाल जानने पहुंचे तो वह अस्पताल में अपने बेड पर नहीं थीं।इस पर घरवालों ने अस्पताल के अलग-अलग वार्डों में उनकी तलाश की लेकिन गिरिजम्मा का कुछ पता नहीं चला। इस पर अस्पताल कर्मियों ने उन्हें मोर्चरी में पता करने को कहा। मोर्चरी में मुत्याला की तरह की एक शव मिला। इस पर अस्पताल वालों ने मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर शव घरवालों को दे दिया। इसके बाद घरवालों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया।उधर, मुत्याला गिरिजम्मा की मौत से परेशान घरवालों को एक और सदमा 23 मई को लगा। उस दिन महिला के बेटे रमेश की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। उधर, गिरिजम्मा अस्पताल के ही दूसरे वार्ड में भर्ती रहीं। इस बीच वह घरवालों का इंतजार करती रहीं लेकिन कोई उन्हें देखने तक नहीं आया। इसके बाद वह खुद अस्पताल से घर के लिए निकली। घर वालों और पड़ोसियों ने जब उन्हें देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले के क्रिश्चियनपेट इलाके की रहने वाली मुत्याला गिरिजम्मा (75) कोरोना पॉजिटिव हो गईं थीं। इस पर 12 मई को उन्हें विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घरवाले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद लौट आए। इसके बाद जब घरवाले 15 मई को महिला का हालचाल जानने पहुंचे तो वह अस्पताल में अपने बेड पर नहीं थीं।इस पर घरवालों ने अस्पताल के अलग-अलग वार्डों में उनकी तलाश की लेकिन गिरिजम्मा का कुछ पता नहीं चला। इस पर अस्पताल कर्मियों ने उन्हें मोर्चरी में पता करने को कहा। मोर्चरी में मुत्याला की तरह की एक शव मिला। इस पर अस्पताल वालों ने मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर शव घरवालों को दे दिया। इसके बाद घरवालों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया।उधर, मुत्याला गिरिजम्मा की मौत से परेशान घरवालों को एक और सदमा 23 मई को लगा। उस दिन महिला के बेटे रमेश की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। उधर, गिरिजम्मा अस्पताल के ही दूसरे वार्ड में भर्ती रहीं। इस बीच वह घरवालों का इंतजार करती रहीं लेकिन कोई उन्हें देखने तक नहीं आया। इसके बाद वह खुद अस्पताल से घर के लिए निकली। घर वालों और पड़ोसियों ने जब उन्हें देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।