Vikrant Shekhawat : Nov 22, 2021, 03:24 PM
नई दिल्ली : तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा को कैबिनेट की मंजूरी दिलाने के लिए सरकार जहां तैयारी कर रही है। वहीं, किसान संगठनों ने अपनी छह मांगों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री मोदी ने गत शुक्रवार को प्रकाश पर्व के दिन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की। पीएम ने कहा कि इन कानूनों की वापसी के लिए संवैधानिक प्रक्रिया आगामी शीतकालीन सत्र में पूरी की जाएगी। पीएम ने किसानों से अपना धरना खत्म कर वापस अपने खेतों में लौटने की अपील की। मांगें पूरी होने तक धरना छोड़ने को तैयार नहीं किसानपीएम की इस घोषणा का किसान संगठनों ने स्वागत किया है लेकिन वे अभी धरना स्थलों से वापस जाने के लिए तैयार नहीं हैं। किसान संगठन सरकार एमएसपी पर कानून बनाने सहित कुछ अन्य मांगों पर सरकार से भरोसा चाहते हैं। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर पीएम को पत्र लिखा है। आइए यहां जानते कि उनकी छह मांगें क्या हैं-एमएसपी पर कानूनी गारंटीबिजली संशोधन विधेयक की वापसीपराली जलाने पर किसानों पर दर्ज मामलों की समाप्तिविभिन्न राज्यों में प्रदर्शन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों की वापसीगृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की गिरफ्तारी एवं मंत्रिमंडल से बाहर की मांगआंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले करीब 700 किसानों के परिजनों को मुआवजाएसकेएम की तीन मांगें नई हैंएसकेएम का कहना है कि छह में से अंतिम तीन उसकी मांगें नई हैं। ये तीन मांगें अभी उसकी तरफ से नहीं उठाई गई थीं। इसलिए इन नई मांगों का भी तुलंत हल निकाला जाना जरूरी है। एसकेएम ने कहा कि 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत की बैठख में भी इन मांगों पर चर्चा की जाएगी। तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने की पीएम मोदी की घोषणा का स्वागत करते हुए मोर्चा ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सरकार अपने वादे को जल्द से जल्द पूरा करेगी। खास बात है कि एसकेएम ने एमएसपी तय करने के लिए सरकार को नया फॉर्मूला सी2+50% सुझाया है। 27 नवंबर को फिर अपनी बैठक करेगा SKMसंसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो हो रहा है। इसके दो दिन पहले मोर्चा 27 नवंबर को अपनी बैठक करेगा। इस दौरान उनकी मांगों को लेकर सरकार का रुख क्या करता है, इसे देखते हुए मोर्चा इस बैठक में भविष्य की अपनी रणनीति बनाएगा। 29 नवंबर से शीतकालीन सत्रइस बीच सूत्रों का कहना है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को बुधवार को कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद इन विधेयकों को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा। कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि वे संसद द्वारा कानून निरस्त किए जाने तक प्रदर्शन स्थल पर डटे रहेंगे।