Vikrant Shekhawat : Feb 25, 2021, 05:17 PM
देशभर में सभी नेशनल हाईवे (राष्ट्रीय राजमार्गों) पर चार पहिया वाहनों और इससे ऊपर की श्रेणी के वाहनों के लिए FASTag (फास्टैग) अनिवार्य हो चुका है। नए कानून के मुताबिक अब कोई भी वाहन बिना फास्टैग के नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा को पार करता है तो उसे दोगुना शुल्क चुकाना होगा। इस नियम को लागू करने के पीछे की सोच टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों को खत्म करना और मुसाफिरों के समय और वाहन के तेल की बचत करना था। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक कई टोल प्लाजा पर फास्टैग को स्कैन करने वाले सेंसर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। जिससे टोल प्लाजा के अधिकारियों को मैन्युअल तरीके से वाहन में लगे फास्टैग को स्कैन करना पड़ रहा है। ऐसे में वाहनों को टोल प्लाजा पार करने में पहले की तरह काफी समय जाया करना पड़ रहा है। इसके अलावा वाहनों की लंबी कतार भी लग रही हैं जिससे समय और तेज दोनों की बर्बादी हो रही है।
इस समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक योजना तैयार की है जिसमें कहा गया है कि वे राष्ट्रीय राजमार्गों पर हर टोल लेन पर एक अलग रंग की लाइन बनाएंगे। जब कारों की कतार उस रेखा को टच करेगी, तो टोल ऑपरेटर को सभी वाहनों के लिए टोल गेट खोलना होगा और फिर उस लेन से नि:शुल्क यात्रा हो सकेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह योजना तैयार की जा रही है। सड़क परिवहन मंत्रालय को टोल शुल्क का भुगतान करने के लिए फास्टैग का इस्तेमाल करने के बावजूद लंबी कतारों की शिकायतें मिल रहीं थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा और वहां लगने वाली कतारों की रियल-टाइम निगरानी शुरू कर दी।
एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया, "टॉप लेवल पर लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है और हमें यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी जरूरी कदम उठाने जाएं ताकि टोल प्लाजा से गुजरने वाले यात्री टोल भुगतान के लिए फास्टैग का इस्तेमाल करें, जिसे अनिवार्य कर दिया गया है।"
पिछले कुछ दिनों से महाप्रबंधक, क्षेत्रीय अधिकारी और मुख्य महाप्रबंधक जैसे कई वरिष्ठ अधिकारी टोल प्लाजा की देखरेख कर रहे हैं। इनमें से एक अधिकारी ने कहा, "फस्टैग के जरिए लेनदेन की संख्या सिर्फ 60-70 फीसदी से 90 फीसदी तक बढ़ी है। दूरदराज के इलाकों में टोल प्लाजा पर भी यह असर देखा जा रहा है। इसलिए, अब हम टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ की किसी भी बहाने से अनदेखी नहीं कर सकते। एक आईटी प्लेटफॉर्म के जरिए लाइव डेटा की सख्त निगरानी की वजह से पिछले कुछ दिनों में भारी बदलाव आया है।"
अधिकारियों के बताया कि, हर टोल प्लाजा पर लगने वाली रंगीन लाइन हर प्लाजा के हिसाब से अलग-अलग होगी। यह रंगीन लाइन कहां लगाई जाएगी, यह कई कारणों पर निर्भर करेगी जैसे कि ट्रैफिक कितना है और एक टोल प्लाजा पर लेन की संख्या कितनी है। साथ ही, टोल संचालकों को सख्त हिदायत दी गई है कि यदि उनके उपकरण काम नहीं कर रहे हैं या वे फास्टैग को स्कैन करने में नाकाम हैं तो उन्हें लोगों को मुफ्त में टोल पार करने की इजाजत देनी होगी। इस नए नियम से ट्रैफिक को चालू रखने में मदद मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि यह नया नियम कब लागू होता है।
इस समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक योजना तैयार की है जिसमें कहा गया है कि वे राष्ट्रीय राजमार्गों पर हर टोल लेन पर एक अलग रंग की लाइन बनाएंगे। जब कारों की कतार उस रेखा को टच करेगी, तो टोल ऑपरेटर को सभी वाहनों के लिए टोल गेट खोलना होगा और फिर उस लेन से नि:शुल्क यात्रा हो सकेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह योजना तैयार की जा रही है। सड़क परिवहन मंत्रालय को टोल शुल्क का भुगतान करने के लिए फास्टैग का इस्तेमाल करने के बावजूद लंबी कतारों की शिकायतें मिल रहीं थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा और वहां लगने वाली कतारों की रियल-टाइम निगरानी शुरू कर दी।
एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया, "टॉप लेवल पर लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है और हमें यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी जरूरी कदम उठाने जाएं ताकि टोल प्लाजा से गुजरने वाले यात्री टोल भुगतान के लिए फास्टैग का इस्तेमाल करें, जिसे अनिवार्य कर दिया गया है।"
पिछले कुछ दिनों से महाप्रबंधक, क्षेत्रीय अधिकारी और मुख्य महाप्रबंधक जैसे कई वरिष्ठ अधिकारी टोल प्लाजा की देखरेख कर रहे हैं। इनमें से एक अधिकारी ने कहा, "फस्टैग के जरिए लेनदेन की संख्या सिर्फ 60-70 फीसदी से 90 फीसदी तक बढ़ी है। दूरदराज के इलाकों में टोल प्लाजा पर भी यह असर देखा जा रहा है। इसलिए, अब हम टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ की किसी भी बहाने से अनदेखी नहीं कर सकते। एक आईटी प्लेटफॉर्म के जरिए लाइव डेटा की सख्त निगरानी की वजह से पिछले कुछ दिनों में भारी बदलाव आया है।"
अधिकारियों के बताया कि, हर टोल प्लाजा पर लगने वाली रंगीन लाइन हर प्लाजा के हिसाब से अलग-अलग होगी। यह रंगीन लाइन कहां लगाई जाएगी, यह कई कारणों पर निर्भर करेगी जैसे कि ट्रैफिक कितना है और एक टोल प्लाजा पर लेन की संख्या कितनी है। साथ ही, टोल संचालकों को सख्त हिदायत दी गई है कि यदि उनके उपकरण काम नहीं कर रहे हैं या वे फास्टैग को स्कैन करने में नाकाम हैं तो उन्हें लोगों को मुफ्त में टोल पार करने की इजाजत देनी होगी। इस नए नियम से ट्रैफिक को चालू रखने में मदद मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि यह नया नियम कब लागू होता है।