Vikrant Shekhawat : Dec 25, 2020, 12:33 AM
- यूनियन ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने कहा, ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से फास्टैग की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के कदम उठाए जा रहे हैं
- मंत्रालय ने नवंबर में नोटिफिकेशन जारी करके 1 जनवरी 2017 से पहले बेची गई गाड़ियों के लिए 1 जनवरी 2021 से फास्टैग जरूरी बना दिया था
नई दिल्ली.गाड़ियों के लिए फास्टैग का इस्तेमाल 1 जनवरी 2021 से अनिवार्य हो जाएगा, यह ऐलान यूनियन ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने किया है। टोल प्लाजा से गुजरने वाली गाड़ियों के लिए ऑनलाइन पेमेंट सुविधा वाली फास्टैग व्यवस्था 2016 में शुरू हुई थी। फास्टैग जरूरी बनाए जाने से टोल पेमेंट इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होगा तो गाड़ियां प्लाजा से तेजी से निकल सकेंगी।
टोल प्लाजा से गुजरने वालों को समय और इंधन की बचत होगी:
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्री गडकरी ने नए साल से सभी गाड़ियों पर फास्टैग लगाना जरूरी हो जाएगा। गडकरी ने गुरुवार को एक वर्चुअल फंक्शन में कहा कि फास्टैग से गाड़ी वालों को आसानी होगी क्योंकि उनको टोल प्लाजा पर पेमेंट के लिए रुकाना नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इससे गाड़ी वालों को समय और इंधन की भी बचत होगी। फास्टैग व्यवस्था 2016 में शुरू हुई थी और चार बैंकों ने कुल एक लाख फास्टैग जारी किए थे। 2017 तक फास्टैग की संख्या बढ़कर सात लाख हो गई जबकि 2018 में 34 लाख से ज्यादा फास्टैग जारी किए गए थे।
1 जनवरी 2017 से पहले की गाड़ियों के लिए भी फास्टैग जरूरी:
इसी साल नवंबर में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर पुरानी या 1 जनवरी 2017 से पहले बेची गाड़ियों के लिए भी फास्टैग को 1 जनवरी 2021 से जरूरी बना दिया था। सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के मुताबिक 1 दिसंबर 2017 के बाद बेची गई नई चारपहिया गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिए फास्टैग को जरूरी बना दिया गया है। इसके अलावा अब ट्रांसपोर्ट व्हीकल के फिटनेस सर्टिफिकेट का रिन्यूअल फास्टैग लगे होने पर ही होगा।
NP वाली गाड़ियों के लिए फास्टैग 1 अक्टूबर 2019 से ही जरूरी:
नेशनल परमिट वाली गाड़ियों के लिए फास्टैग को 1 अक्टूबर 2019 से ही जरूरी बना दिया गया है। अब तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के लिए फास्टैग को जरूरी बना दिया गया है, जो 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा। मिनिस्ट्री ने कहा है कि कई माध्यमों से फास्टैग की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के कदम उठाए जा रहे हैं। ये ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम में उपलब्ध होंगे।
RFID के जरिए देशभर में लागू किया गया है टोल कलेक्शन प्रोग्राम:
पैसिव रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टेक्नोलॉजी के जरिए देशभर में नेशनल टोल कलेक्शन (NETC) प्रोग्राम को लागू किया गया है। इसका मकसद यातायात की बाधाओं को दूर करना और टोल प्लाजा पर यूजर फीस की वसूली को सुगम बनाना है।